Jammu Visit of Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने बीते दिन यानी शनिवार को राजभवन में कश्मीर की स्थितियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक की. इसके बाद युवा क्लब के सदस्यों से बातचीत की. साथ ही कई योजना का शुभारंभ किया. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह आज यानी रविवार को जम्मू के मकवाल बॉर्डर का दौरा किया. यहां उन्होंने स्थानीय लोगों के घर जाकर उनसे बातचीत भी की. 


मकवाल बॉर्डर में अग्रिम इलाकों के दौरे के दौरान का गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे एक स्थानीय निवासी का फोन नंबर लिया, साथ ही गृह मंत्री ने उस व्यक्ति को अपना फोन नंबर भी साझा किया. अमित शाह ने उस व्यक्ति से कहा कि कोई जरुरत पड़े तो वह उनको फोन कर सकता है.  






वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले भेदभावपूर्ण अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों के कारण समाप्त किया जा सका, ताकि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को पूरा किया जा सके. अगस्त, 2019 में राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अपनी पहली जनसभा में शाह ने कहा कि मोदी ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र बहाल किया और विकास का नया चरण शुरू किया, जहां लाखों लोगों ने अनुच्छेद 370 के तहत अन्याय का सामना किया था.


गृह मंत्री ने यहां जनसभा में कहा, "लंबे अंतराल के बाद मैं जम्मू के भाइयों और बहनों से मिलने आया हूं. मैं खराब मौसम के कारण थोड़े तनाव में था और आपसे मिलने को लेकर असमंजस था, लेकिन माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से सूरज बाहर आया और हम मिले" बता दें कि शनिवार को भारी बारिश के कारण शाह की रैली को लेकर अनिश्चितता की स्थिति थी. हालांकि, मौसम में सुधार के कारण रैली हो सकी और हजारों लोगों ने इसमें भाग लिया.


गृह मंत्री ने कहा, "आज जम्मू-कश्मीर के नेता पंडित प्रेम नाथ डोगरा की जयंती है, जिन्होंने मुखर्जी के साथ मिलकर 'एक निशान, एक विधान और एक प्रधान' का नारा लगाया था और भारत के साथ राज्य के एकीकरण के लिए पूरी तरह मेहनत की." 


उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को ऐतिहासिक फैसला लिया और भेदभाव वाले अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर के लाखों लोगों के विकास का रास्ता साफ किया, जिन्होंने वर्षों तक अन्याय का सामना किया." शाह ने कहा, "अब जम्मू-कश्मीर में कोई भी मंत्री बन सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. पहाड़ियों का इस्तेमाल वोट बैंक के रूप में किया जा रहा है, लेकिन उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता."


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