Metro Rail Kolkata: कोलकाता मेट्रो रेलवे ने 37 साल बाद बड़ा बदलाव किया है. कोलकाता मेट्रो रेलवे ने रविवार को गैर-वातानुकूलित डिब्बों को औपचारिक रूप से विदाई दे दी. इन डिब्बों में से कुछ डिब्बे 1984 में देश की पहली भूमिगत रेलवे की स्थापना के समय से ही सेवा में थे. साल 1984 में आज ही के दिन परिचालन शुरू करने वाली कोलकाता मेट्रो ने गैर-वातानुकूलित डिब्बों को हटाने की प्रक्रिया को यादगार बनाने के लिए महानायक उत्तम कुमार स्टेशन पर 'डाउन द मेमोरी लेन' नामक एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया.


मेट्रो रेल, कोलकाता ने ट्वीट किया, "हम कल यानी रविवार को अपने 37वें स्थापना दिवस पर गैर-एसी मेट्रो डिब्बे को अपने बेड़े विदाई दे रहे हैं." बता दें कि कोलकाता मेट्रो स्टेशनों के नाम बंगाल की अनेक विभूतियों पर रखे गए हैं. कोलकाता मेट्रो स्टेशनों के कुछ नाम कवि सुभाष स्टेशन, महानायक उत्तम कुमार स्टेशन, गिरिश पार्क, जतिन पार्क,कवि जनरूल स्टेशन, महात्मा गांधी रोड,नेताजी भवन स्टेशन, शहीद खुदीराम स्टेशन आदि इस प्रकार से हैं.






कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक मनोज जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, " इन डिब्बों की विदाई के हिस्से के रूप में हमने एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया है, जिसमें मेट्रो रेलवे के अतीत, वर्तमान और भविष्य को दर्शाया जाएगा." उन्होंने कहा कि यह उन पलों को फिर से जीने का अवसर है, जिन्हें शहर ने मेट्रो रेलवे के साथ साझा किया है, जो कि लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन गई है. जोशी ने कहा, "मेट्रो रेल के नेटवर्क को बढ़ाने का कार्य जारी है और दो से तीन वर्षों के भीतर मेट्रो के नए मार्गों पर परिचालन शुरू हो जाएगा."


गौरतलब है कि 24 अक्टूबर 1984 को देश में सबसे पहले कोलकाता में ही भूमिगत मेट्रो रेलवे की शुरुआत हुई थी. तब कोलकाता मेट्रो का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. 


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