Jammu Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई मौकों पर कहा है कि अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद से जम्मू-कश्मीर लगातार बदलाव की राह पर है. इस बीच गृह मंत्री ने गुरुवार (27 मार्च 2025) को बताया कि हुर्रियत से जुड़े दो ग्रुप ने अलगाववाद को छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने यह जानकारी दी. जिस ग्रुप ने अलगावाद को छोड़ा है उसका नाम जम्मू कश्मीर तहरीकी इस्तेकलाल और जम्मू कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकामत है.

कश्मीर घाटी से बड़ी खुशखबरी- गृह मंत्री

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी. हुर्रियत कांफ्रेंस के दो और ग्रुप ने अलगाववाद का त्याग कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नये भारत के निर्माण में अपना विश्वास जताया है." यह घटनाक्रम अलगाववादी ग्रुप हुर्रियत के दो अन्य समूहों की ओर से की गई इसी प्रकार की घोषणाओं के दो दिन बाद हुआ है. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो ग्रुप जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (जेकेडीपीएम) ने मंगलवार (25 मार्च 2025) को अलगाववाद को छोड़ने की घोषणा की थी.

अलगाववाद ले रहा अंतिम सांसें- गृह मंत्री

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के शासन में अलगाववाद अंतिम सांस ले रहा है और एकता की जीत पूरे कश्मीर में गूंज रही है. एक अन्य समूह मोहम्मद शरीफ सरताज के नेतृत्व वाले जम्मू स्थित जेएंडके फ्रीडम मूवमेंट ने भी अलगाववादी संगठन के साथ लंबे समय से जारी अपने संबंध समाप्त कर लिया.

जेकेपीएम और जेकेडीपीएम के अलगाववाद छोड़ने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, "यह कदम भारत की एकता को मजबूत करेगा और नरेंद्र मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को खत्म कर दिया है. हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है. मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म कर दें."

ये भी पढ़ें : 'वक्फ कानून खत्म कर देगा मुस्लिमों का अधिकार', तमिलनाडु विधानसभा में बोले एमके स्टालिन, पास कर दिया ये प्रस्ताव