Agnipath Scheme Row: रक्षा मंत्रालय से जुड़ी सलाहकार समिति की सोमवार को बैठक हुई. बैठक में मौजूद विपक्ष के सांसदों ने एक बार फिर अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को वापस लेने की मांग की. बैठक में मौजूद विपक्ष के 6 सांसदों ने अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को एक ज्ञापन सौंपा. बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. सम्बंधित मंत्रालय के मंत्री ही सलाहकार समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं. बैठक में समिति के 12 सदस्य मौजूद रहे. 


बैठक में शामिल विपक्ष के सांसदों ने एक बार फिर सरकार से अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग की. विपक्ष के 6 सांसदों ने रक्षा मंत्री को योजना वापस लेने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी दिया. हालांकि ज्ञापन पर कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने हस्ताक्षर नहीं किया. मनीष तिवारी शुरू से ही इस योजना का समर्थन करते रहे हैं. हालांकि सूत्रों के मुताबिक तिवारी ने योजना से जुड़े कुछ आशंकाओं को रक्षा मंत्री के सामने जरूर रखा. 


विपक्षी सांसदों ने उठाए ये मुद्दे


विपक्षी सांसदों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में जो मुद्दे उठाए गए हैं उनमें सबसे प्रमुख है ट्रेनिंग के बाद अग्निवीरों की सेना में नौकरी को लेकर. ज्ञापन में कहा गया है कि अग्निपथ योजना में 4 साल की ट्रेनिंग के बाद केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को ही स्थाई नौकरी देने की बात कही गई है जो काफी कम है. बैठक में इस मुद्दे पर सभी विपक्षी सांसदों ने सरकार से सफाई भी मांगी. 


शिंजो आबे की हत्या से भी जोड़ा


बैठक में शामिल तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अग्निपथ योजना को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या से भी जोड़ दिया. सूत्रों के मुताबिक टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि शिंजो आबे की हत्या करने वाला व्यक्ति भी जापान में लागू एक ऐसी ही योजना से रिटायर हुआ था जो अग्निपथ से मिलती जुलती है. एक अन्य टीएमसी सांसद सौगत राय ने सरकार को शिंजो आबे प्रकरण से सीख लेने की सलाह दी. 


योजना को लेकर सेना के पीसी करने पर जताई आपत्ति


सौगत राय ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि अग्निपथ योजना के बारे में जानकारी देने के लिए केवल सेना के अधिकारियों को ही जिम्मेदारी दी गई जबकि इस बारे में खुद रक्षा मंत्री को जवाब देना चाहिए. इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना के अधिकारी इस मामले में जवाब देने के लिए ज्यादा सक्षम हैं इसलिए उन्हें सरकार की ओर से ऐसा निर्देश दिया गया था. 


अग्निवीरों को लेकर सरकार को किया आगाह


विपक्षी सांसदों ने बैठक में सरकार को आगाह किया कि अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) से निकले ऐसे अग्निवीर (Agniveer) जिन्हें कोई नौकरी नहीं मिलेगी वह देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. बैठक में थल सेना अध्यक्ष मनोज पांडे (Manoj Pande) के अलावा नौसेना अध्यक्ष और वायुसेना के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. सेना की तरफ से अग्निपथ योजना को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया. कुछ विपक्षी सांसदों ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए शिकायत की है कि अग्निवीरों को सेना में नौकरी को लेकर बैठक में मौजूद सेना के अधिकारियों की तरफ से कुछ साफ-साफ जानकारी नहीं दी गई. 


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