भारत में करीब आधे से ज्यादा लोग नौकरी पेशा हैं. हर व्यक्ति चाहता है कि वह अच्छी जगह नौकरी करके ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाए और बेहतर जिंदगी जिये. लेकिन, आम लोगों के इसी सपने का फायदा उठाकर कुछ लोग उनसे ठगी कर लेते हैं.


हाल ही में कुछ भारतीय युवा लाखों रुपये कमाने के लालच में आकर फंस गए. उन्हें रूसी सेना में नौकरी का लालच देकर बुलाया गया और फिर वहां उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया. इनमें ज्यादातर युवा कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर और तेलंगाना से हैं. 


युवाओं का दावा है कि उन्हें सेना में हेल्पर और सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करने का वादा किया गया था. लेकिन फिर उन्हें भी रूसी सैनिकों के साथ युद्ध के मैदान में उतार दिया गया. भारत सरकार ने  20 भारतीय नागरिकों के रूस में फंसे होने की बात स्वीकार की है. भारत ने रूसी सरकार के सामने ये मामला उठाया है. साथ ही भारतीय नागरिकों को रूस में नौकरी ढूंढते समय सावधान रहने की सलाह दी है.


भारतीय एंबेसी ने कहा है कि कुछ एजेंट रूस में नौकरी के वादे के नाम पर टूरिस्ट या बिजनेस वीजा देते हैं. इन एजेंटों से सावधान रहें. वे धोखा दे सकते हैं. रूस में टूरिस्ट या बिजनेस वीजा पर किसी भी तरह की नौकरी करने की अनुमति नहीं है. अगर आप रूस में काम करना चाहते हैं, तो रोजगार वीजा के लिए आवेदन करना होगा.


यह घटना नौकरी के नाम पर ठगी का एक भयानक उदाहरण है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब भारतीयों को नौकरी के नाम पर धोखा दिया गया. इससे पहले कब-कब और कैसे-कैसे भारतीयों को नौकरी का लालच देकर चूना लगाया गया? इस स्पेशल स्टोरी में जानिए.


जब भारतीयों को म्यांमार बुलाकर गैरकानून काम कराया गया
साल 2022 में सैकड़ों भारतीयों को म्यांमार में अच्छी आईटी नौकरी का लालच देकर फंसाया गया था. लेकिन वहां उन्हें डिजिटल स्कैमिंग और फर्जी क्रिप्टो में शामिल कंपनियों ने गैरकानूनी काम करने के लिए मजबूर किया. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा को बताया था कि म्यांमार में फर्जी आईटी नौकरियों का वादा करने वाली कंपनियों ने कुल 414 भारतीयों को फंसाया था.


मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई थी और म्यांमार में फर्जी नौकरी रैकेट में फंसे भारतीयों को बचा लिया गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि विदेश में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने का एक गिरोह पकड़ा गया है. यह गिरोह लोगों को विदेश में ज्यादा सैलेरी वाली नौकरी का झांसा देकर उनसे पैसे ठगता था. गिरोह के एजेंट लोगों को फर्जी नौकरी के ऑफर देते थे. फिर उनसे वीजा और फीस के नाम पर पैसे लेते थे.


विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल फर्जी जॉब ऑफर से सावधान रहने की चेतावनी दी थी. कहा था कि लोगों को विदेश में नौकरी का ऑफर स्वीकार करने से पहले अच्छे से जांच कर लेनी चाहिए. 


ऐसे ही कंबोडिया में भी भारतीय मिशन ने इसी तरह नौकरी के फर्जी रैकेट में फंसे 180 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को बचाया गया था और उन्हें भारत वापस लाया था.


मुंबई में फर्जी जॉब एजेंसी ने 120 लोगों को ठगा
नवंबर 2023 में मुंबई की सांताक्रूज पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था जिन्होंने कथित तौर पर 120 से ज्यादा लोगों को खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के बहाने दो करोड़ रुपये ठगे थे. आरोपी गुलामगौस जहांगीरदार और फैयाज खान ने ओशन एचआर एंटरप्राइजेज नाम की एक फर्जी एजेंसी खोली.


सोशल मीडिया पर लोगों को लुभाने के लिए ऊंची सैलेरी और आसान जॉब का वादा किया. जो लोग लालच में आ गए उनसे रजिस्ट्रेशन फीस और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे लिए. पीड़ितों से पैसे लेने के बाद फर्जी नौकरी का ऑफर लेटर, ज्वाइंनिग लेटर और नकली फ्लाइट टिकट तक दिए. इसके बाद अपना ऑफिस बंद करके भाग गए.


ठग ने  एक पीड़ित वलसाड रसिकभाई पटेल से 69,000 रुपये और पासपोर्ट जब्त कर लिया था. उन्हें 29 नवंबर 2023 को तुर्की के लिए उड़ान भरनी थी, प्रस्थान से ठीक दो दिन पहले उन्हें पता चला कि उनकी फ्लाइट टिकट फर्जी थी. यह पता चलने के बाद कि उन्हें ठगा गया है 150 से ज्यादा नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार मिलकर सांता क्रूज पुलिस स्टेशन गए. पीड़ितों से धोखाधड़ी करने के आरोप में अरशद अंसारी और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.


फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़, कई गिरफ्तारियां
पिछले साल देशभर में कई फर्जी नौकरी रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. पंजाब पुलिस ने असम से चार लोगों को गिरफ्तार किया था जो अंतरराष्ट्रीय फर्जी ऑनलाइन नौकरी रैकेट चला रहे थे. ओडिशा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था जो सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों को ठगता था. 


केरल पुलिस ने 250 करोड़ रुपये के संभावित घोटाले वाले एक ऑनलाइन जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया था. सीबीआई ने कई राज्यों में फर्जी रोजगार रैकेट चलाने वाले गिरोह के 3 लोगों को गिरफ्तार किया. मुंबई पुलिस ने फर्जी नौकरी एजेंसी चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके सरगना और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया था. ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं. असल संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है.


पीड़ितों ने ठगों के जिन बैंक खाते में पैसा जमा कराया था उन खातों की जानकारी निकालकर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने पाया कि आरोपियों ने पीड़ितों से 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की रकम और पासपोर्ट लिए थे. उन्हें फर्जी नौकरी के ऑफर लेटर और फ्लाइट टिकट भी दिए थे. पुलिस ने कम से कम 124 पीड़ितों के पासपोर्ट और आरोपियों से इकट्ठा किए गए अन्य दस्तावेज बरामद किए.


एयरलाइंस में नौकरी के नाम पर महिला से ठगे 9 लाख
2022 में एक महिला से इंस्टाग्राम पर निजी एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के बहाने करीब 9 लाख रुपये लूट लिए थे. दिसंबर 2022 में महिला के पति ने पुलिस शिकायत में बताया था कि उनकी पत्नी ने इंस्टाग्राम पर एक जॉब विज्ञापन के लिंक पर क्लिक किया था. इसके बाद उन्हें 'airlinejoballindia' नाम की एक फर्जी वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर दिया गया. वहां महिला ने अपनी सभी पर्सनल जानकारी भर दी थी. 


बाद में राहुल नाम के एक व्यक्ति का फोन आया जिसने उनसे रजिस्ट्रेशन फीस 750 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा. यही नहीं इसके बाद गेट पास, इंश्योरेंस, सिक्योरिटी मनी के नाम पर ठग ने अपने खाते में 8.6 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए. महिला को तब शक हुआ जब ठग ने इसके बाद भी पैसे मांगना जारी रखा. दिल्ली पुलिस की जांच में आरोपी राहुल पकड़ा गया. पुलिस का कहना है कि कोरोना काल में नौकरी छूटने के कारण उसने यह ठगी का काम शुरू किया था.


इंडिगो एयरलाइंस में भी नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके हैं. इसके बाद एयरलाइंल ने लोगों को आगाह किया था अगर कोई आपसे पैसे मांगता है और वादा करता है कि इंडिगो में नौकरी दिलवा देगा तो पुलिस को रिपोर्ट कीजिए. वहीं एयर इंडिया ने भी सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स और वेबसाइट्स के बारे में लोगों को सचेत किया था. एयरलाइंस ने कहा था सोशल मीडिया पर वायरल फर्जी जॉब ऑफर के बहकावे में न आएं.