Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल में संदेशखाली से जुड़े मामले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. सोमवार (26 फरवरी, 2024) को अदालत की ओर से टिप्पणी में यह भी साफ किया गया- संदेशखाली केस के आरोपी नेता की गिरफ्तारी पर कोई स्टे नहीं लगना चाहिए. जांच पर स्टे का मतलब गिरफ्तारी पर स्टे लगना नहीं है. मामले में एफआईआर दर्ज हुई है और उसे आरोपी बताया गया है. ऐसे में उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए.


समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने इस दौरान साफ किया कि आरोपी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. अदालत ने इसके साथ ही निर्देश दिया कि महिलाओं के यौन उत्पीड़न और आदिवासी लोगों की जमीन हड़पने के आरोपों का स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किए गए केस में शाहजहां शेख, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राज्य के गृह सचिव को पक्षकार बनाया जाए.


फिलहाल फरार है TMC से नाता रखने वाला शाहजहां शेख


मुख्य न्यायाधीश टी.एस.शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने इस दौरान निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय रजिस्ट्री की ओर से अखबारों में सार्वजनिक नोटिस दिया जाए और उसमें यह कहा गया हो कि शाहजहां शेख को मामले में पक्षकार बनाया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह फरार हैं और उसे 5 जनवरी को ईडी पर भीड़ के हमले के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया. 


"आरोपी शाहजहां शेख को अरेस्ट कर सकती है पुलिस"


कोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र ने यह साफ करने की गुजारिश की थी कि क्या आरोपी शेख की गिरफ्तारी पर रोक का पुलिस को कोई आदेश दिया गया है? जवाब में खंडपीठ ने बताया था कि ऐसी कोई रोक नहीं है और पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है. कोर्ट ने कहा कि एक अलग मामले में उसने केवल सीबीआई और राज्य पुलिस के उस संयुक्त विशेष जांच दल के गठन पर रोक लगाई थी, जिसे सिंगल बेंच ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच करने का आदेश दिया था.


अगली सुनवाई 4 मार्च को, TMC नेता पर जमीन कब्जाने के आरोप भी   


जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य भी इस खंडपीठ में हैं. केस पर 4 मार्च, 2024 को फिर सुनवाई होगी. दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी से नाता रखने वाले शाहजहां शेख के खिलाफ बंगाल के संदेशखाली की महिलाओं का आरोप है कि उसने उनका यौन उत्पीड़न किया जमीन पर जबरन कब्जा किया.