खुद को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का चेयरमैन बताकर धोखाधड़ी करने वाले मनोज कुमार झा नाम के शख्स को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. उसके ठिकानों पर मारे गए छापों के दौरान सीबीआई को 200 सिम कार्ड और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं. सीबीआई की विशेष कोर्ट ने मनोज झा को पूछताछ के लिए 9 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है.


सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को एक ठेकेदार ने शिकायत की थी कि एक शख्स ने उससे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का चेयरमैन बताकर 80 लाख रुपए ठग लिए है. उस शख्स ने ठेकेदार से कहा कि उसकी बेटी कोलकाता में है और वहां उसे अर्जेंट तौर पर तुरंत 80 लाख रुपए चाहिए यदि वे उसे वह मुहैया करा दे तो उसकी ठेके दिलाने में मदद कर देगा. कथित चेयरमैन ने ठेकेदार से यह भी कहा कि यह पैसा उसका दामाद कोलकाता में लेगा.


200 सिम कार्ड भी बरामद
शिकायत के मुताबिक इस ठेकेदार ने 2-3 प्रभावशाली ठेकेदारों के कहने पर इस फर्जी चेयरमैन से संपर्क किया था क्योंकि उसका कुछ काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया में अटका हुआ था. यह भी आरोप है कि इस फर्जी चेयरमैन ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन भी किया था. शिकायत के आधार पर सीबीआई ने जांच शुरू की और जांच के बाद गुड़गांव से मनोज कुमार झा नाम के इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया. शुरुआती पूछताछ के दौरान उसने खुद को बिहार के मधुबनी इलाके का निवासी बताया. उससे प्राप्त जानकारियों के आधार पर सीबीआई ने कोलकाता, मधुबनी, बोकारो स्टील सिटी, दिल्ली आदि जगहों पर कुल 8 जगहों पर छापेमारी की. सीबीआई का दावा है कि छापेमारी के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों समेत 200 सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं.


सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है की 80 लाख रुपया हवाला के जरिए कोलकाता भेजा गया था और यह पैसा खुद आरोपी ने कोलकाता में रिसीव किया था. अब तक प्राप्त तथ्यों के आधार पर आरोपी को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से अदालत ने उसे पूछताछ के लिए 9 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है. अब सीबीआई रिमांड के दौरान आरोपी से जानना चाहती है कि उसके नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया में कौन-कौन सहयोगी हैं और क्या इसके पहले भी उसने इस तरह की धोखाधड़ी की है या उसके कहने पर किसी अधिकारी ने किसी ठेकेदार को ठेका देने में मदद की है. मामले की जांच जारी है.


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