Animal Review: एनमिल का ट्रेलर जब से आया, पूरा माहौल बन गया कि भाई फिल्म बवाल है. डायरेक्टर ने पहले ही कह दिया था कि ये अब तक की सबसे वॉयलेंट फिल्म है,यानि हिंसक फिल्म जिसमें खूब खून खराब होगा.बॉबी देओल का आखिरी सीन ट्रेलर में धमाल मचाता है लेकिन बॉबी देओल के नाम पर जनता को बेवकूफ ही बनाया गया.ये फिल्म देखने से पहले रिव्यू ध्यान से पढ़ लीजिए.
कहानी
ये कहानी है रणबीर कपूर की जो अपने पापा अनिल कपूर से बहुत प्यार करते हैं. लेकिन पापा रणबीर से उतना प्यार नहीं करते. पापा पर हमला हो जाता है और फिर रणबीर की जिंदगी का मकसद हो जाता है उस कातिल को ढूंढना और इसी मकसद पर ये फिल्म चलती है.कहानी सिंपल लग रही होगी,लेकिन इसमें बहुत सारे ट्विस्ट एंड टर्न आते हैं और ये देखने आपको थिएटर जाना होगा.
कैसी है फिल्म
ये एक मसाला एंटरटेनर है जिसमें खूब सारे सीटी ताली वाले सीन हैं.काफी सारे मास एंटरटेनिंग सीन हैं..शुरुआत थोड़ी सी स्लो लगती है लेकिन फिर फिल्म बवाल पेस पकड़ती है औऱ फर्स्ट हाफ में एक के बाद एक कमाल के सीन आते हैं. ज्यादातर के पीछे लॉजिक नहीं होगा.ऐसी फिल्मों में ढूंढना भी नहीं चाहिए लेकिन मजा आता है और खूब मजा आता है.सेकेंड हाफ मेें फिल्म थोड़ी स्लो हो जाती है लेकिन फिर बॉबी देओल की एंट्री से फिर मजा आता है. फिल्म मेें कुछ ज्यादा ही खून खराबा दिखाया गया है और कई जगह आपको लगता है कि इसे थोड़ा कम किया जा सकता था. बॉबी देओल के नाम पर फिल्म को खूब प्रमोट किया गया लेकिन बॉबी का फिल्म में उतना रोल है नहीं लेकिन तब भी वो जब आते हैं छा जाते हैं. फिल्म में फैमिली वाले एंगल को बड़े इमोशनल तरीके से इस्तेमाल किया गया है और इससे आप फिल्म से और ज्यादा कनेक्ट कर पाते हैं. हालांकि कुछ ऐसे डायलॉग हैं जो महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक हैं और उनपर बवाल भी हो सकता है लेकिन फिल्ममेकर अक्सर सिनेमैटक लिबर्टी के नाम पर ऐसा कर जाते हैं.
एक्टिंग
रणबीर फिल्म में पापा पापा करते रहते हैं और फिल्म खत्म होते होते ये साबित कर देते हैं कि एक्टिंग में वो बॉलीवुड के नए पापा हैं. रणबीर ने कमाल का काम किया है. उनका लुक भले संजय दत्त जैसा लग रहा हो लेकिन जिस तरह से वो एक्शन करते हैं..इमोशनल सीन करते हैं...वो हर फ्रेम में आपको इम्प्रेस करते हैं...ये फिल्म रणबीर के लिए करियर के लिए गेम चेंजर साबित होगी...लवर बॉय वाली इमेज अब बाय बाय हो जाएगी...रणबीर ने केजीएफ के रॉकी भाई को भी तगड़ी टक्कर दे दी है और यहां वो उनके बिग ब्रो लग रहे हैं...बॉबी देओल ने कमाल का काम किया है लेकिन उनके सीन कम हैं...और काफी कम हैं...वो इंटरवल के बाद आते हैं और फिल्म खत्म होने से पहले चले जाते हैं...ये तो धोखा हुआ ना...लेकिन उनका काम जबरदस्त है...रश्मिका मंदाना को किरदार को लेकर लग रहा था कि उनका ऐसी फिल्म में क्या ही काम लेकिन रश्मिका का किरदार काफी अच्छे से डेवलप किया गया है...और उनकी एक्टिंग भी जबरदस्त है...अनिल कपूर पापा के किरदार में अच्छे लगे हैं...हालांकि उन्हें बूढ़ा देखने की आदत हमारी है नहीं..बाकी के किरदारों ने भी अच्छा काम किया है..
डायरेक्शन
संदीप वांगा रेड्डी ने फिल्म को अच्छे से डायरेक्ट किया है. 3 घंटे 21 मिनट की फिल्म को एंटरटेनिंग बनाए रखना आसान काम नहीं है और ये काम संदीप ने शानदार तरीके से किया है.पहले हाफ के दो घंटे कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता.सेकेंड हाफ में लगता है फिल्म थोड़ी लंबी है.
म्यूजिक
फिल्म का म्यूजिक शानदार है. फिल्म में जब गाने आते हैं तो इस लंबी फिल्म में भी खलते नहीं हैं बल्कि गाने सुनकर मजा आता है. कुल मिलाकर ये फिल्म मास एंटरटेनर है हां खून खराबा ज्यादा है तो अगर उससे दिक्कत हो तो मत देखिएगा वर्ना फिल्म आपको एंटरटेन करेगी.