Ratlam Mahalaxmi Temple: दीपावली का पर्व हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है. पूरे साल लोग बेसब्री से दिवाली (Diwali 2022) के पर्व का इंतजार करते हैं. पांच दिवसीय इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) से होती है. धनतेरस और दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा बड़े धूमधाम से की जाती है. धन की देवी मां लक्ष्मी सबसे पूजनीय देवी में से एक हैं. इस दिन विशेष पूजन कर भक्त देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं.

 

देश के कई राज्यों में मां लक्ष्मी के मंदिर मौजूद हैं. इन मंदिरों के बारे में कई तरह की कहानियां सुनाई जाती हैं. हम आपको बताते हैं मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में स्थित मां लक्ष्मी के एक ऐसे मंदिर के बारे में, जहां दिवाली की रौनक देखते ही बनती है. पूरा दरबार नोटों और सोने-चांदी से सजाया जाता है.आइए जानते मां की महिमा और इसके पीछे का कारण..

 

करेंसी नोट से सजता है मां लक्ष्मी का दरबार

 

दीपावली के शुभ अवसर पर पांच दिनों तक दीपोत्सव का आयोजन होता है. मंदिर की दीवारों, छत और मां की मूर्ति की सजावट नोटों से की जाती है. वहीं, मंदिर परिसर में लगाई गई झालरों को नोटों की गड्डियों से सजाते हैं. इस मंदिर में सिर्फ नोट ही नहीं बल्कि सोना और चांदी का भी चढ़ावा चढ़ते हैं. इस मंदिर को करोड़ों के नोटों से सजाया जाता है. इसी के चलते यहां सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. जब तक पूजा होती है तब तक मंदिर के चारों ओर पुलिस पहरा देती है.

 

दिलचस्प है पौराणिक कथा

 

कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी दर्शन करने के लिए पहुंचता है उसे प्रसाद के रूप में नोट दिए जाते हैं. लोगों का तो यह भी मानना है कि प्रसाद के रूप में सोना-चांदी भी दिया जाता है. माना जाता है कि प्राचीन काल में राजा-महाराजा अपने राज्य की सुख-समृद्धि के लिए यहां पैसे और आभूषण चढ़ाया करते थे. इसके बाद से यह समझा जाने लगा कि इस मंदिर में पैसे और गहनें चढ़ाने से लोगों के पास कभी भी धन का अभाव नहीं होता.

 

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