Contraceptive Pills and mental health: महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए सबसे अधिक गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं. क्योंकि इन्हें लेना आसान होता है और आमतौर पर इनके कोई साइडइफेक्ट्स भी इस तरह के नहीं होते हैं, जो बहुत नुकसान पहुंचाएं. लेकिन यदि आप इन गोलियों का सेवन लंबे समय तक करती रहती हैं तो आपको मानसिक बीमारियां घेर सकती हैं, जो ना आपके खुद के लिए अच्छा है और ना ही आपके परिवार के लिए. कई बार ये स्थिति मानसिक रूप से बीमार कर देना वाली होती है.


कैसे नुकसान पहुंचाती हैं गर्भनिरोधक गोलियां?


जो महिलाएं नियमित रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, उनके हाइपोथैलेमस का आकार सिकुड़कर छोटा हो जाता है. हाइपोथैलेमस मस्तिष्क का वो हिस्सा होता है, जो शरीर का तापमान नियंत्रित करने से लेकर भूख,  मूड और सेक्स ड्राइव को रेग्युलेट करने का काम करता है. इतना ही नहीं नींद का बैलंस बनाए रखने में भी हाइपोथैलेमस का अहम योगदान होता है. क्योंकि हमारी बायॉलजिकल क्लॉक को नियंत्रित करने वाले ज्यादातर हॉर्मोन्स इसी हाइपोथैलेमस द्वारा रिलीज किए जाते हैं.


गर्भनिरोधक गोलियों के कारण क्या समस्याएं हो सकती हैं?



  • ऊपर बताए गए खतरों के अलावा इन गोलियों के लंबे समय तक सेवन के कारण आपको कई तरह के शारीरिक और मानसिक रोग घेर सकते हैं. क्योंकि नींद का डिस्टर्ब होना और भूख का प्रभावित होना, अपने आपमें कई बीमारियों की जड़ बन जाता है.

  • इन गोलियों का बुरा असर आपकी इमोशनल हेल्थ पर भी देखने को मिल सकता है. गुस्सा आना, चिड़चिड़ाहट बढ़ना, बिना बात रोने की इच्छा होना, तनाव इत्यादि.

  • कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का अधिक सेवन करने से याददाश्त भी कमजोर हो सकती है. क्योंकि इसका लिंक भी हाइपोथैलेमस से होता है.

  • हालांकि इन बदलावों से घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत होती है. ज्यादातर अंग्रेजी दवाओं के कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट्स जरूर होते हैं. इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप एक्सर्ट की गाइडेंस में इनका उपयोग करें.


कैसे कम कर सकते हैं गर्भनिरोधक गोलियों का बुरा असर?



  • कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के बुरे असर को कम करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप अपनी डॉक्टर की सलाह पर एक निश्चित समय के लिए ही इनका सेवन करें. इसके बाद गर्भनिरोध के अन्य उपाय अपनाएं.

  • अपनी फैमिली प्लानिंग के बाद लॉन्गटर्म उपायों के बारे में सोचा जा सकता है. 

  • सिर्फ महिलाएं ही क्यों, यदि आपका परिवार पूरा हो चुका है तो पुरुष भी नसबंदी (Vasectomy) जैसे विकल्प के बारे में सोच सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.