कोरोना महामारी ने दुनिया भर में ऐसी तबाही मचाई, जिससे टूरिस्ट इंडस्ट्री को बड़ा धक्का लगा. कोविड के डर से कई देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिए. इन प्रतिबंधों की वजह से लोगों ने यात्रा करना बंद कर दिया. हालांकि अब धीरे-धीरे चीजें पटरी लौटने लगी हैं. टूरिस्ट इंडस्ट्री को भी बूस्ट मिलने लगा है. केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया लगभग 69 लाख विदेशी टूरिस्ट ने पिछले साल यानी 2022 में भारत का दौरा किया था. ये आंकड़ा कोविड महामारी के 2 साल के बाद टूरिस्ट की संख्या में 4 गुना इजाफा को दिखाता है.


रेड्डी ने कहा कि टूरिस्ट सेक्टर का डिजिटलाइजेशन करने के लिए 'नेशनल टूरिज्म मिशन' चलाने की भी प्लानिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने कोरोना महामारी के दौरान बहुत कठिन वक्त का सामना किया. खासतौर से टूरिस्ट सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ. हालांकि आर्थिक वृद्धि में गिरावट के दो साल के बाद भारत में विदेश से लगभग 69 लाख टूरिस्ट आए. बाहरी देशों से आने वाले टूरिस्ट का ये आंकड़ा 4 गुना बढ़ोतरी का संकेत देता है.


टूरिस्ट सेक्टर को मिला बूस्ट


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रेड्डी ने कहा कि भारत आने वाले विदेशी टूरिस्ट की बढ़ी हुई ये संख्या बताती है कि टूरिस्ट सेक्टर में हम सही दिशा में अग्रसर हो रहे हैं. जी किशन रेड्डी टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन भारत की G-20 अध्यक्षता के तहत कच्छ (गुजरात में) के रण स्थित टेंट सिटी में किया जा रहा है. पिछले महीने गांधीनगर में 'बिजनेस 20 इंसेप्शन' प्रोग्राम के बाद राज्य में G-20 का यह दूसरा प्रोग्राम है. 


नई टूरिज्म पॉलिसी 2023 का मसौदा तैयार


रेड्डी ने कहा कि देश में 40 यूनेस्को हेरिटेज साइट हैं और हर साल 1000 से ज्यादा त्योहार हम सेलिब्रेट करते हैं. रेड्डी ने बताया कि भारत सरकार ने एक नई टूरिज्म पॉलिसी 2023 का मसौदा तैयार किया है. ये मसौदा भारत में टूरिस्ट सेक्टर को एक नया रूप दे रहा है. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह जानकारी दी है कि राज्य सरकार टूरिज्म सेक्टर को बूस्ट करने के लिए कई अहम कदम उठा रही है. 


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