Sleeping Astrology: अच्छी सेहत के लिए यह जरूरी है कि नींद भी अच्छी और नींद सही तरीके की हो. जी हां, जिस तरह स्वस्थ रहने के लिए अच्छा खानपान, योग आदि जरूरी है. ठीक उसी तरह अच्छी नींद भी जरूरी है. लेकिन अच्छी नींद का अर्थ यह नहीं कि, आप किसी भी पोजिशन या किसी भी स्थान में सो गए. शास्त्रों में सोने से जुड़े नियम बताए गए हैं, जिसका सभी को पालन करना चाहिए. क्योंकि आदर्श नींद की स्थिति आपके सिर से लेकर कूल्हों तक स्वस्थ रीढ़ संरेखन को बढ़ावा देता है. आज भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें सोने का सही तरीका मालूम नहीं है. तो आइये जानते हैं क्या है सोने का सही तरीका.


एक कहावत है, ‘उल्टा होकर भोगी सोवे, सीधा होकर भूति सोवे, सीधी करवट रहे सदा रोगी, उल्टी करवट सदा निरोगी’.


अर्थ है- जो लोग उल्टा होकर सोते हैं वे सदैव भोग-विलास और कामना आदि में लगे रहते हैं साथ ही वैसे ही सपने भी देखते हैं. जो लोग बिल्कुल सीधा होकर सोते हैं यानी जैसा शमशान में मृतक को रखा जाता है वैसा सोने से भूत-प्रेत आदि के डरावने सपने आते हैं और नेगेटिविटी आती है. सीधे हाथ ही ओर करवट लेकर सोने वाले लोग किसी न किसी रोग से परेशान रहते हैं. वहीं जो लोग उल्टी हाथ की ओर करवट लेकर सोते हैं वो हमेशा रोगमुक्त रहते हैं.


कैसी होनी चाहिए शय्या: विष्णु पुराण के अनुसार, सोते समय शय्या का ध्यान रखें. कभी भी सांयकालीन भोजन के बाद, टूटी-फूटी, जंतुयुक्त, बहुत ऊंची या बहुत छोटी या मैली शय्या पर नहीं सोएं. हमेशा साफ-सुथरे बिछावन पर ही सोना चाहिए.


सोने का सही समय क्या है: शास्त्रों में कहा गया है कि, सूर्यास्त के तीन पहर यानी लगभग तीन घंटे बाद सोना चाहिए. वहीं सुबह सूर्योदय के बाद अधिक देर तक नहीं सोना चाहिए. संध्या के समय कभी भी नहीं सोना चाहिए, यह शुभ नहीं माना जाता है. इस बात का भी ध्यान रखें कि, सोते हुए आपका सिर दीवार से कम से कम तीन हाथ की दूरी पर हो.


सोने की सही दिशा क्या है: सोते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए. पूर्व दिशा की ओर अपना सिर रखें. इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि, इस दिशा से सूर्योदय होता है और ऐसे में मानसिक और स्वास्थ्य लाभ मिलता है. वहीं दक्षिण दिशा की ओर भी सिर करके सोया जा सकता है. लेकिन उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए.


क्या कहता है वैज्ञानिक: शास्त्रों में बताए गए सोने के नियम , दिशा और सिद्धांत को विज्ञान भी सही मानता है. विज्ञान में भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने को गलत बताया गया है. इसका कारण यह कि, दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है. इसलिए उत्तर की ओर सिर करके सोने से चुंबकीय तरंगों से होते हुए सिर में प्रवेश करता है और इससे मानसिक तनाव, सिर दर्द और मस्तिष्क संबंधी कई बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है. वर्तमान विज्ञान में भी माना गया है कि हृदय की ओर सोने से ह्दय संचालन पर फर्क नहीं पड़ता. लेकिन दूसरी पोजिशन में सोने से हृदय पर प्रभाव पड़ता है.


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