Shiv Puran Lord Shiva Niti in Hindi:  शिव पुराण शैव मत संप्रदाय से संबंधित महापुराण है. इसे हिंदू धर्म के 18 पुराणों में विशेष स्थान प्राप्त है. शिव महापुराण में भगवान शिव की महिमा, स्वरूपों, अवतारों, कथा-कहानियों, ज्योतिर्लिंगों के साथ ही पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है.


शिव पुराण के अनुसार महादेव को देवाधि देव का दर्जा प्राप्त है और त्रिदेवों में शिव को सर्व शक्तिशाली माना गया है. इनकी पूजा से भक्त समस्त समस्याओं से दूर रहते हैं. यदि सच्चे मन और श्रद्धा के साथ शिवजी की पूजा की जाए तो फल जरूर मिलता है. शिव जी बहुत भोले हैं, इसलिए इन्हें भोलेनाथ और भोले भंडारी जैसे नामों से भी जाना जाता है. शिवजी सरल पूजा विधि से भी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं. भक्त यदि सच्चे मन में एक लोटा शुद्ध जल भी शिवलिंग पर चढ़ाए तो उसे इसका लाभ जरूर मिलता है.


लेकिन शिव जी जितने सरल और भोले हैं उतने ही गुस्से वाले भी हैं. शिव जी का क्रोध बहुत भयंकर होता है. यदि शिवजी को क्रोध आ जाए तो फिर इनकी तीसरी नेत्र खुल जाती है और पूरे ब्रह्मांड को विनाश हो सकता है. इसलिए ऐसा कोई काम न करें, जिससे आपको शिव के क्रोध का सामना करना पड़े. शिव पुराण में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिसे करने पर शिवजी नाराज होते हैं. इसलिए भूलकर भी इन कामों को न करें. आइये जानते हैं इन कामों के बारे में-



  • शिव पुराण के अनुसार, जो लोग पराए स्त्री या पुरुष पर गलत नजर रखते हैं उन्हें पाप की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे लोगों को शिवजी के गुस्से का सामना करना पड़ता है.

  • दान देकर वापस लेने वाले, गुरु की पत्नी पर बुरी नजर रखने वाले और धर्म का अपमान करने वालों को महापापी की श्रेणी में रखा गया है. इन कामों को करने वाले को भी शिव के क्रोध का सामना करना पड़ता है.

  • बुरे कार्य के लिए मंदिर से चोरी करना, अपराध न होने पर ही कष्ट पहुंचाना, महिलाओं और माता-पिता से कटु वचन बोलना, पूर्वजों का अपमान करने वाले लोगों को अक्षम्य अपराधी माना गया है. जो लोग ये काम करते हैं, उन्हें शिव कभी माफ नहीं करते.


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