Sawan 2023: सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है और चारों ओर भक्तिमय माहौल है. इसे हिंदू धर्म में खास और पावन महीना माना जाता है, जोकि भगवान शिव की पूजा-अराधना के लिए समर्पित होता है. 


सावन में पूरे महीने प्रतिदिन शिवजी की पूजा की जाती है और प्रत्येक सोमवार को व्रत रखा जाता है. पूजा-पाठ और व्रत को लेकर सावन माह में कई नियम होते हैं. लेकिन इसी के साथ इस महीने खाने-पीने को लेकर भी कई नियम हैं, जिसका पालन व्रत रखने वाले और व्रत न रखने वाले सभी को करना जरूरी होता है.



सावन में हरे रंग का खास महत्व


सावन के महीने और हरे रंग के बीच खास संबंध है. हरे रंग को प्रकृति का प्रतीक माना गया है, वहीं शिव और प्रकृति के बीच भी गहरा संबंध है. शिवजी को पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि प्रकृति से जुड़ी चीजें ही अर्पित की जाती है. सावन का महीना शुरू होते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है और बारिश से मौसम सुहाना हो जाता है. यही कारण है कि सावन के महीने में महिलाएं हरी चूड़ियां और कपड़े पहनती हैं. लेकिन सावन में हरे रंग का इतना महत्व होने के बावजूद भी इस महीने कई तरह की हरी सब्जियों का सेवन करना वर्जित होता है. आखिर इसका कारण क्या है, आइये जानते हैं.


दरअसल आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात, पित्त और कफ तीन तरह के दोष होते हैं. इसलिए शास्त्रों में ऋतुचार्य भोजन यानी मौसम के अनुसार भोजन करने की बात कही गई है. इसके अनुसार, सावन यानी वर्षाऋतु में शरीर में वात बढ़ने लगता है. इसलिए इस महीने ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, जो वात को बढ़ाती हो. हरी पत्तेदार सब्जियां वात को बढ़ाती हैं. यही कारण है कि सावन महीने में शास्त्र से लेकर चिकित्सक भी इन्हें खाने की सलाह नहीं देते हैं.


सावन में न खाएं ये 20 तरह की हरी सब्जियां


सावन में पालक, गोभी, अजवाइन, हरा प्याज, सरसों का साग, ब्रोकली, जल कुंभी, कासनी, पत्तागोभी, सौंफ, बथुआ, पुदीना, धनिया, मेथी, मूली के पत्ते, हरा कोलार्ड, सलाद पत्ता, ब्रसल स्प्रोउट आदि जैसी हरी सब्जियों को खाने से बचें.


सावन में इन्हें खाना भी होता है वर्जित



  • सावन महीने में लहसुन-प्याज से बना भोजन भी नहीं करना चाहिए.

  • इस महीने मांसाहार भोजन और अत्यधिक तला-भुना भी न खाएं.

  • सावन महीने में कच्चा दूध भी नहीं पीना चाहिए. क्योंकि कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है.

  • सावन में हरी सब्जियों के साथ ही बैंगन खाने की भी मनाही होती है.


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