Panchmukhi Hanuman : जीवन में जब परेशानियों का कारण समझ में न आए या शुत्र सक्रिय हो जाएं. धन का आगमन रूक जाए तो व्यक्ति को पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. जब लगातार समस्याएं और संकट व्यक्ति को परेशान करने लगे तो घर में हनुमान जी का पंचमुखी मुद्रा वाला चित्र जरूर लगाना चाहिए और नियमित इसके दर्शन करने चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में संकटों का कम होना आरंभ हो जाता है.


पंचमुखी हनुमान जी की कथा


जब रावण को अपनी पराजय दिखाई देने लगी तो रावण के मायावी भाई अहिरावन ने अपने तंत्र-मंत्र से भगवान राम की सेना को गहरी नींद में सुला दिया और प्रभु राम और लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक ले गया. कुछ समय बात जब अहिरावण के तंत्र-मंत्र का असर कम होने लगा तो विभिषण ने इस परिस्थिति को भांप लिया और हनुमान जी को पूरी बात बताई. विभिषण ने हनुमान से तुरंत भगवान राम और लक्ष्मण की सहायता के लिए पाताल लोक जाने के लिए कहा. पाताल लोक पहुंचते ही हनुमान जी का सामना अहिरावण के पुत्र मकरध्वज से हुआ. हनुमान जी ने उसे युद्ध में हरा दिया. इसके बाद हनुमान बंधक भगवान राम और लक्ष्मण से मिले.


अहिरावन मां भवानी का भक्त था. पाताल लोक में उसने पांच दीपक अलग अलग दिशाओं में जल कर रखे हुए थे. उसे श्राप था कि जो भी एक बार में इन सभी पांचों दीपकों को बुझा देगा वहीं उसका वध करेगा. हनुमान जी ने इन पांचों दीपकों को एक साथ बुझाने के लिए पंचमुखी रूप धारण किया. उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख. इसके बाद उन्होंने एक साथ सभी दीपकों को बुझा दिया और इस प्रकार अहिरावण का वध हुआ. अहिरावण के मरने के बाद हनुमान जी भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया.


संकटों से उभारते हैं पंचमुखी  हनुमान


जिस व्यक्ति जीवन में कोई न कोई दिक्कत बनी रहती है उन्हें पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए. प्रत्येक मंगलवार को पूजा करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से बड़े से बड़े संकटों को दूर करने में मदद मिलती है. जिस घर में हनुमानजी का चित्र होता है वहां मंगल, शनि, पितृ और भूतादि का दोष नहीं रहता. वास्तु के मुताबिक घर में भगवान हनुमानजी का चित्र दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना शुभ होता है.


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