Maa Lakshmi Temple In India: धन की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत आदि करते हैं. विधि-विधान से पूजा, उपाय आदि करते हैं, ताकि उनका आशीर्वाद पाया जा सके. लेकिन क्या आप जनाते हैं भारत में मां लक्ष्मी के कई ऐसे मंदिर हैं. जहां सिर्फ दर्शन मात्र से ही लोगों की मुरादें पूरी हो जाती हैं. यहां इन मंदिरों में महालक्ष्मी की पूजा आदि की जाती है. यहां आने वाले लोग धन-समृद्धि की मुरादें लेकर आते हैं और दर्शन मात्र से ही उन्हें मां की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं मां महालक्ष्मी के इन मंदिरों के बारे में. 


महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई




मुंबई शहर के सर्वाधिक प्राचीन मंदिरों में से एक महालक्ष्मी मंदिर काफी प्रख्यात है. यह अरब सागर के किनारे बी देसाई मार्ग पर स्थित है, जो कि लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. मुंबई के इस महालक्ष्मी मंदिर में धन की देवी महालक्ष्मी के साथ देवी महाकाली और महासरस्वती भी विद्यमान है. यहां भक्तों की लाइन लगी रहती है. पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ लोग यहां दर्शन को आते हैं और मां के समक्ष अपनी प्रार्थना प्रकट करते हैं. 


लक्ष्मीनारायण मंदिर, नई दिल्ली




नई दिल्ली के सेंटर में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर भी लोगों में काफी प्रचलित है. यहां मंदिर में देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु जी के साथ विराजित हैं. बता दें कि लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण 1622 में वीरसिंह देव ने करवाया था. मान्यता है कि भक्त यहां से कभी खाली हाथ नहीं जाते. मां के दर्शन को पहुंचे लोगों की मुरादें यहां अवश्य पूरी होती हैं. 


पद्मावती मंदिर, तिरुचुरा




तिरुचुरा में स्थित पद्मावती का मंदिर भी जगविख्यात है. यह आंध्र प्रदेश में तिरुपति के पास स्थित है. मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में मन्नतें तभी पूरी होती है, जब यहां बालाजी के साथ मां पद्मावती का आशीर्वाद भी लिया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पद्मावती का जन्म कमल के फूल से हुआ है, जो इसी मंदिर के तालाब में खिला था. इसलिए इस मंदिर की भी खूब मान्यता है. 


महालक्ष्मी मंदिर, इंदौर




मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर के दर्शन के लिए भी लोग दूर-दूर से आते हैं. इसका निर्माण 1832 में मल्हारराव होल्कर ( द्वितीय ) ने करवाया था. हर साल इस मंदिर में दिवाली के दिन पूजा-अर्चना और मां के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लगती हैं. नियमित रूप से हजारों की संख्या में देवी महालक्ष्मी के दर्शन को श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. 


महालक्ष्मी मंदिर, श्रीपुरम


श्रीपुरम में स्थिक श्री महालक्ष्मी मंदिर को 'दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर' के रूप में जाना जाता है. ये तमिलनाडु के वेल्लू जिले के श्रीपुरम गांव में स्थित है. कहते हैं कि इस मंदिर के निर्माण में 15 हजार किलो के सोने का इस्तेमाल किया गया है. यह मंदिर 100 एकड़ में बना हुआ है. पहले आम भक्तों के लिए इस मंदिर में दर्शन बंद किए हुए थे, लेकिन 2007 में सभी लोगों के लिए इसके गेट खोल दिए गए. 


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