Garuda Purana:  हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक गरुड़ पुराण में सृष्टि की शुरुआत से लेकर मृत्यु के बाद आत्मा की अलग-अलग स्थितियों और कर्म के हिसाब से मिलने वाले तमाम लोकों का वर्णन भी किया गया है. इसमें ऐसी चार स्थितियां बताई गई हैं जिन्हें जीवन में बहुत बड़े कष्ट के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है. आइये इन परिस्थितियों और उनके निवारण के बारे में जानें.



  • जीवनसाथी का विश्वासघाती होना: गरुड़ पुराण के मुताबिक, वैवाहिक जीवन की सबसे मजबूत नींव विश्वास होता है. इसलिए पति-पत्नी को कभी भी एक दूसरे के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए. यदि किसी का भरोसा एक बार टूट जाता है तो वह दोबारा वापस नहीं आता है. भरोसा टूटने से पूरा परिवार बिखर जाता है. जीवन बर्बाद हो जाता है. परिवार बर्बाद होने की कल्पना करना मुश्किल है.


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  • जीवन साथी बीमार रहने लगे: गरुड़ पुराण के अनुसार, जब जीवनसाथी बीमार रहने लगे तो जीवन में विपरीत परिस्थितियां खड़ी होनी शुरू हो जाती हैं. ये परिस्थितियां ही परिवार की बर्बादी का कारण बनती हैं. इससे पूरे घर परिवार की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे अत्यंत ख़राब हो जाती है. जीवनसाथी का दुःख देखकर मानसिक परेशानी व चिंता बढ़ जाती है. ये स्थिति जीवन भर के लिए दुःख बन सकती है.  ऐसे में चाहिए कि जीवनसाथी का पूरी लगन व विश्वास के साथ सेवा करें और सकारात्मक बनें रहें.



  • छोटे द्वारा अपमानित होना: जीवन में हर कोई मान-सम्मान के साथ जीना चाहता है. परंतु जब कभी वह अपने छोटे से या फिर अपने छोटे पद वाले व्यक्ति से अपमानित होता है तो उसे अपार दुःख होता है. इस लिए ऐसे समय में आपको कभी भी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए और धैर्यपूर्वक वहां से निकल जाना चाहिए. क्योंकि क्रोध से हालात बहुत बदतर हो सकते हैं. 



  • बार-बार असफल होना: जब आप किसी काम को पूरी लगन और निष्ठां के साथ कर रहें हों. उसके बाद भी बार-बार असफलता ही हाथ लग रही हो तो, यह स्थिति अत्यंत दुखदायी होती है. ऐसे में व्यक्ति न केवल दुखी होता है बल्कि वह अवसाद से ग्रस्त भी हो जाता है. ऐसी दशा में व्यक्ति को अपनी स्ट्रेटजी का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए. हो सकता है कि जो मेहनत की जा रही है वह सही दिशा में न हो रही हो.