हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन का महीना भगवान महादेव को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस मास में भगवान शिव बहुत जल्दी ही प्रसन्न होते हैं. इसी महीने में माता पार्वती ने उन्हें पाने के लिए तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया था और उसके बाद ही उन्होंने माता पार्वती से विवाह किया था. चूंकि सावन के महीने भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं इस लिए कोई भी ऐसी चीज सावन में नहीं करनी चाहिए जो भोलेनाथ को प्रिय न लगे. ऐसे में नीचे दिए गये कुछ कार्यों को न करने की सलाह दी जाती है, वर्ना शिव कुपित भी हो सकते हैं. आइये जानें इन कार्यों को.
निर्बलों को न सताएं
भगवान शिव को गरीब, वृद्ध, दुर्बल और मवेशी आदि सभी प्राणी अति प्रिय हैं. इस लिए इन्हें सताना या तंग करना नहीं चाहिए. वृद्धों , ग़रीबों, निर्बलों और मवेशियों को सताने से भोलेनाथ को अपर कष्ट होता है. इससे वे कुपित होते है और शाप देते हैं.
सावन मास में दिन में न सोएं
लोगों को सावन मास में दिन में नहीं सोना चाहिए. यह मास महादेव को ध्यान करने के लिए सबसे उत्तम होता है. जो व्यक्ति इस माह में सोता है. उस पर भगवान शिव कुपित होते हैं. इससे उनपर भोलेनाथ की कृपा नहीं होती.
परिवार में झगड़े न करें
सावन का महीना भगवान शिव, माता गौरी और उनके परिवार को समर्पित होता है. इसलिए लोगों को अपने परिवार में किसी प्रकार की लड़ाई आदि नहीं करनी चाहिए. अपने जीवन साथी को प्रेम और सम्मान देना चाहिए. उन्हें कोई अपशब्द नहीं कहना चाहिए.
मांस-मदिरा से परहेज
सावन मास में मांस-मदिरा जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. ये चीजें मन को अशांत करती हैं. मन अशांत होने से व्यक्ति ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता है. ऐसे में व्यक्ति भगवान का ध्यान नहीं रख पाता. भगवान शिव के इस माह में लोगों को सात्विक जीवन बिताना चाहिए.