एलोवेरा का पौधा एक ऐसा औषधीय पौधा है, जो इंडोर प्लांट के रूप में भी काफी पॉपुलर है. इसमें ऐसे औषधीय गुण हैं, जो कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद हैं, जैसे सनबर्न, आग से जलने पर, पिंपल और रैशेज जैसी स्किन प्रॉब्लम्स के लिए एलोवेरा की पत्तियों से बने एलोवेरा जेल का उपयोग करते हैं. आज के अपार्टमेंट कल्चर की वजह से लोगों के घरों में जगह की काफी समस्या होती है. ऐसे में एलोवेरा के पौधे को सही रख रखान न मिल पाने की वजह से यह जल्दू सूख जाते हैं. अगर आप भी इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो हम आपको इसके देखभाल के लिए कुछ टिप्स देने जा रहे हैं.


घर में एलोवेरा का प्लांट कहां रखें?


एलोवेरा घर के अंदर और बाहर दोनों ही जगह उग सकता है, लेकिन अगर आप इसे अंदर उगा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां इसे भरपूर मात्रा में धूप मिल रही हो. दक्षिण या पश्चिम की ओर की खिड़कियां एलोवेरा के लिए आदर्श जगह हो सकते हैं. इसके अलावा एलोवेरा प्लांट को नियमित रूप से पानी देना होगा या फिर जब इसकी मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए, तब इसमें एक बार भरपूर मात्रा में पानी दें. ध्यान रखें कि गमले का ड्रेनेज अच्छा होना चाहिए, जिससे गमले में पानी रुकने की संभावना न रहे.


एलोवेरा के पौधे का ध्यान कैसे रखें?


एलोवेरा प्लांट का वैज्ञानिक नाम एलो बारबाडेन्सिस है. यह एक ड्राई इलाके का पौधा है और रेगिस्तानों और हरे-भरे ट्रॉपिकल जंगलों में समान रूप से पाया जाता है. इस पौधे की ऊंचाई केवल कुछ इंच ही होती है, लेकिन चौड़ाई में 5 फीट से अधिक तक हो सकती है. एलोवेरा के पौधे का, मिस्र, यूनानी और चीनी सहित दुनिया भर की प्राचीन सभ्यताओं द्वारा हजारों सालों से औषधीय रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. कई लोग अभी भी विभिन्न त्वचा की जलन के इलाज के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल करते हैं. आइये जानते हैं घर में एलोवेरा का प्लांट रखने के लिए कौन सी जगह सही है.


फर्टिलाइजर


एलोवेरा को खाद्य देने का सबसे अच्छा समय है वसंत ऋतु. इसके लिए आप हाउसप्लांट फर्टिलाइजर या सक्यूलेंट-और-कैक्टस फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. 


रोशनी


स्वस्थ रहने के लिए, एलोवेरा के पौधों को रोशनीदार वातावरण या इंडायरेक्ट सनलाइट की जरूरत होती है. आप इस पौधे को रसोई की खिड़की पर भी रख सकते हैं, जहां इसे भरपूर धूप मिलेगी. लेकिन अगर आप एलोवेरा को बाहर उगा रहे हैं, तो इसे धूप वाली जगह पर लगाना चाहिए, जहां इसे सुबह की चार घंटे की धूप मिलनी चाहिए.