Yoga for Knee Pain: अगर आपको घुटने में तकलीफ है तो चलने-फिरने के साथ-साथ पूरा जीवन जीना मुश्किल हो सकता है. अगर आप घुटने की चोट या सर्जरी से ठीक हो रहे हैं तो कुछ योग आसन हैं जिनसे आपको बचना चाहिए. इनमें खड़े होने के आसन शामिल हैं, विशेष रूप से वे जिनमें आपको अपने पैरों पर अपने पूरे वजन का समर्थन करने की आवश्यकता होती है. चक्रासन, एक पादासन और वृक्षासन जैसे अन्य आसन करते समय सावधानी बरतें. हिमालय सिद्धा अक्षर, योग गुरु, अक्षर योग संस्थानों के संस्थापक, कहते हैं, "कमजोर घुटनों या घुटने के दर्द वाले लोगों के लिए, योग के कई चिकित्सीय लाभ हैं. योगा पोज़ का अभ्यास करने से आपको दर्द-मुक्त गतिशीलता बनाए रखने, अपने पैरों को मजबूत करने और अपने घुटनों को मजबूत करने में मदद मिलेगी.


घुटने के दर्द से राहत के लिए इन योगा को करने से मिलेगा फायदा


उत्कटासन - चेयर पोज (Utkatasana – Chair Pose)


इसे हर बार 30 सेकंड होल्ड के साथ 5 सेट के लिए दोहराया जा सकता है.


अपने ह्रदय चक्र पर नमस्ते बनाने के लिए हथेलियों को मिलाएं और अपनी भुजाओं को ऊपर उठाएं.


अपने घुटनों को मोड़ें और धीरे-धीरे अपनी श्रोणि को नीचे करें.


सुनिश्चित करें कि आपका श्रोणि घुटनों पर 90 डिग्री के मोड़ के साथ फर्श के समानांतर है.


अपने टखनों और घुटनों को एक सीध में रखें.


अपनी दृष्टि को अपने नमस्कार की ओर केन्द्रित करें.


सुनिश्चित करें कि आपकी रीढ़ सीधी रहे.


ताड़ासन (Samasthithi)


अपने पैरों को मिलाकर खड़े हो जाएं.


अपनी भुजाओं को अपने शरीर के बगल में फैलाएं और उन्हें बिना संपर्क बनाए मंडराने दें.


धीरे से आँखें बंद करो.


शरीर को आराम दें.


प्रपदासन (Prapadasana)


मलासन या वज्रासन में शुरू करें.


अपनी एड़ी को धीरे-धीरे फर्श से ऊपर उठाने के लिए अपने पैरों को एक साथ लाएं.


अपने शरीर को अपने पैर की उंगलियों पर संतुलित करें और अपनी पीठ को सीधा रखें.


अपनी हथेलियों को एक साथ लाएं और अपनी भौंहों के बीच में ध्यान केंद्रित करें.


इस मुद्रा में 10-20 सेकेंड तक सांस लेते रहें.


इस मुद्रा से बाहर आने के लिए अपनी एड़ियों को नीचे लाएं और वापस मलासन में आ जाएं.


3 सेट के लिए दोहराएं.


दंडासन (Dandasana)


अपने आराम के अनुसार जमीन पर, या बिस्तर पर बैठ जाएं.


सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ सीधी है.


एक लचीली स्थिति में पैर की उंगलियों के साथ अपने पैरों को अपने सामने फैलाएं.


अपने श्रोणि, जांघों और पिंडलियों की मांसपेशियों को कस लें.


अपनी हथेलियों को अपने कूल्हों के पास फर्श पर रखें क्योंकि यह आपकी रीढ़ को सहारा देती है और आपके कंधों को आराम देती है.


आठ से दस सांसें रोकें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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