गर्मियों के मौसम में लू लगना और डिहाइड्रेशन की समस्या होना आम बात है. हालांकि कभी-कभी ये स्थिति इतनी खतरनाक हो जाती है कि स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचा देती है. गर्मी के मौसम में हमेशा आरामदायक कपड़ों का चुनाव करना चाहिए. क्योंकि गलत कपड़ों के चुनाव से स्किन इन्फेक्शन हो सकता है. गर्मी में कई लोग डेनिम पहनने की गलती करते हैं. महिला और चाहे पुरुष हर कोई डेनिम पहनने का शौक रखता है. मगर क्या आप जानते हैं कि गर्मी के महीने में डेनिम कितना कष्टदायक साबित हो सकता है? 


गलत कपड़े स्किन से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जैसे- चकत्ते, लालिमा, सूजन, जलन, एलर्जी, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण आदि. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, डेनिम के कपड़े हवा को रोकने का काम करते हैं और पसीने को सूखने नहीं देते. ऐसे कपड़े पसीने को रोककर अलग-अलग तरह के संक्रमण को पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को बढ़ावा देते हैं. 


गर्मियों में डेनिम के साइड इफेक्ट


हर कोई जींस को आरामदायक मानता है और इसे हर लुक के साथ कैरी कर लेता है. हालांकि रोजाना फिटेड जींस पहनने से स्किन प्रॉब्लम्स के साथ-साथ कई हेल्थ प्रॉबलम्स हो सकती हैं. आइए जानते हैं कि गर्मी में डेनिम पहनने से आपको कैसे-कैसे नुकसान झेलने पड़ सकते हैं.


बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन


पैर के नाखूनों में फंगस, रिंगवर्म एथलीट फुट, यीस्ट इन्फेक्शन और जननांग क्षेत्र में रैशेज़ जैसे फंगल इन्फेक्शन चिंता का विषय हैं. इन्फेक्शन के लक्षणों में ये शामिल हैं... 


1. शरीर के प्रभावित हिस्से का मलिनकिरण


2. संक्रमित त्वचा का मुलायम होना


3. संक्रमित त्वचा का टूटना और छिलना


4. त्वचा का छिलना और पीला पड़ना


5. संक्रमित हिस्से पर खुजली, चुभन, जलन महसूस होना


डेनिम इन दिक्कतों को बढ़ावा देता है, क्योंकि लंबे समय तक फिटेड जींस पहनने से जांघों का ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है और पैरों में सूजन तक आ जाती है.


गर्भाशय का संक्रमण


फिटेड और टाइट डेनिम पहनने से गर्भाशय में संक्रमण हो सकता है, जिससे बांझपन की दिक्कत पैदा हो सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, डेनिम गर्मी में वैजाइना में जलन, यीस्ट इन्फेक्शन और बैक्टीरियल वेजिनोसिस की वजह बन सकता है, क्योंकि ऐसे कपड़े आपके निचले हिस्से में वायु प्रवाह और रक्त प्रवाह को रोक देते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: Ovarian Cancer: अगर इन 7 लक्षणों को किया इग्नोर...तो लास्ट स्टेज पर पहुंच सकता है 'ओवेरियन कैंसर'