Urine Frequency: एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कितनी बार यूरिन जाना चाहिए? यह सवाल अक्सर उन लोगों के जेहन में आता है, जो अपनी सेहत को लेकर हमेशा सतर्क रहते हैं. यह सवाल इसलिए भी उठता है क्योंकि दोस्तों के एक ग्रुप में कुछ लोग बार-बार टॉयलेट के चक्कर लगाते रहते हैं, जबकि कुछ लोग घंटों बिना बॉशरूम जाए बैठे रहते हैं. ऐसे में पी जाने वाले लोगों को लगने लगता है कि कहीं उनकी सेहत के साथ कोई समस्या तो नहीं है. आइए, आज इस असमंजस की स्थिति से बाहर आते हैं और जानते हैं कि आखिर कितनी बार यूरिन जाना सही है और इससे जुड़े सेहत संबंधी फैक्ट जानने के पैरामीटर्स क्या हैं...


कितनी बार यूरिन जाना है नॉर्मल?


अलग-अलग रिपोर्ट्स और हेल्थ फैक्टर्स के आधार पर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक दिन में या कहिए कि 24 घंटे में 6 से 7 बार यूरिन जाना सामान्य है. लेकिन कुछ लोग इससे कम या इससे अधिक बार भी यूरिन जाते हैं तो जरूरी नहीं है कि उन्हें सेहत से जुड़ी कोई समस्या हो. क्योंकि यूरिन जाने की फ्रिक्वेंसी दो और चीजों पर निर्भर करती है. 



  • पहली बात है कि आपके ब्लेडर का साइज कितना बड़ा है.

  • दूसरी बात है कि आप दिन में कितने लीटर पानी पीते है या कितनी लिक्विड डायट लेते हैं. 

  • एक और बात आपकी यूरिन फ्रिक्वेंसी को काफी हद तक प्रभावित करती है और ये है आपका कैफीन इनटेक. यानी आप एक दिन में कितनी मात्रा में चाय या कॉफी पीते हैं.

  • अगर आप स्मोकिंग करते हैं तब भी आपको नॉन स्मोकर्स की तुलना में अधिक बार बाथरूम के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं.


कब होना चाहिए सतर्क?



  • आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ रहा है और यूरिन की मात्रा कम रहती है. यानी आपको बहुत तेज यूरिन का प्रेशर बनता है लेकिन यूरिन की मात्रा बहुत कम होती है.

  • इस बात पर ध्यान दें कि क्या आप पहले की तुलना में अधिक जल्दी-जल्दी यूरिन जाने लगे हैं या पहले की तुलना में यूरिन कम आ रहा है और यूरिन में जलन की समस्या हो रही है या यूरिन का कलर बदल रहा है.

  • अधिक बार यूरिन आने पर इस बात पर ध्यान दें कि क्या आप चाय और कॉफी का सेवन अधिक करने लगे हैं. या अचानक से आपने पानी अधिक पीना और लिक्विड डायट अधिक लेना तो शुरू नहीं कर दिया है.

  • कम बार यूरिन आने पर इस चीज को नोटिस करें कि क्या पानी और लिक्विड की मात्रा आपने कम तो नहीं लेनी शुरू कर दी है. क्योंकि पानी कम मात्रा में पीने पर यूरिन फ्रिक्वेंसी भी कम हो जाती है, यूरिन की मात्रा भी कम हो जाती है और यूरिन का कलर पीला होने के साथ ही जलन की समस्या भी हो जाती है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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