चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का सफर पूरी दुनिया के लिए डेडली साबित हुआ. साल 2019 के अंत में चीन में इस वायरस का फैलना शुरू हुआ और 2020 के शुरुआती तीन महीने होने तक इस वायरस ने लगभग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. यानी करीब 6 महीने के अंदर इस वायरस ने दुनिया मुट्ठी में कर ली. उस समय इस वायरस को कोविड-19 नाम दिया गया. यह कोरोना वायरस का ही एक फैमिली मेंबर है. 


दरअसल, जुकाम, फ्लू, इंफ्लूएंजा, जैसे रेस्पिरेटरी रोग भी कोरोना वायरस के कारण ही होते हैं. यानी कोरोना हमारी दुनिया के लिए नया वायरस नहीं था लेकिन इस वायरस का वर्जन कोविड-19 एकदम नया था और बहुत ही घातक भी. क्योंकि तब तक इसके बारे में हमारे वैज्ञानिकों और मेडिकल हेल्थ एक्सपर्ट्स को कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए वे समझ नहीं पा रहे थे कि इस वायरस को कैसे कंट्रोल में किया जाए. हालांकि इस वैश्विक महामारी ने दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स और ब्रिलियंट ब्रेन्स को एक मंच पर लाकर खड़ा किया और कुछ ही महीनों के अंदर इस वायरस की वैक्सीन बनकर तैयार हो गई, जो विश्व के इतिहास में पहली और सुपरफास्ट तरीके से तैयार हुई पूरी तरह इफेक्टिव वैक्सीन है.


हालांकि दवाएं और वैक्सीन आने के साथ ही कोविड-19 के एक के बाद एक लेटेस्ट वर्जन भी मार्केट में आते गए और दो से तीन बार तक लगभग दुनिया के हर देश को अपने यहां लॉकडाउन लगाना पड़ा. आइए, आपको बता दें कि सिर्फ दो से ढाई साल के सफर में कोविड-19 और कोरोना वायरस के कुनवे में कितने नए सदस्य यानी अलग-अलग वायरस शामिल हुए...



  • कोविड- 19

  • सार्स कोविड-2

  • डेल्टा

  • ओमिक्रोन


ये सभी वायरस कोरोना वायरस के वैरिएंट हैं और फिर खुद इन वायरस के भी कुछ सब-वैरिएंट्स हैं. जैसे, कोरोना फैमिली के सबसे युवा सदस्य और हालही में आए ओमिक्रोन की बात करें तो इसके दो सब-वैरिएंट हैं ओमिक्रोन-बीए.1 और ओमिक्रोन-बीए.2 इसी तरह डेल्टा और अन्य वायरस के भी वैरिएंट्स देखने को मिले. कोरोना वायरस फैमिली के ये वो सदस्य हैं, जो पिछले दो-ढाई साल में इस कुनवे में शामिल हुए. अब बात करते हैं उन कोरोना वायरस की जो इस परिवार के बुजुर्ग सदस्य हैं.


कोरोना वायरस के फैमिली मेंबर्स 



  • SARS-Cov यानी सार्स

  • MERS-Cov यानी मर्स

  • HCov-NL63

  • HCoV-229E

  • HCoV-OC43

  • HKU1
     
    ये सभी वायरस अलग-अलग तरह से शरीर पर अपना प्रभाव दिखाते हैं. हालांकि ये सभी सांस संबंधी रोगों को फैलाने का काम करते हैं और रेस्पिरेटरी सिस्टम में इंफेक्शन फैलाकर बीमार करते हैं. इन सभी वायरस से होने वाले फ्लू और बीमारियों के लक्षणों में बहुत मामलू अंतर होता है. या कुछ एक-दो लक्षण ही होते हैं, जो यह दिखाते हैं कि यह वायरस कौन-सा है और दूसरे वायरस से कैसे अलग है.


लेटेस्ट अपडेट


आज के समय में कोरोना वायरस के हर तरह के वैरिएंट से दुनिया ने थोड़ी राहत की सांस ली है. भारत सहित कई अलग-अलग देशों में मास्क की अनिवार्यता में ढील दे दी गई है. हालांकि हेल्थ एक्पर्ट्स अभी भी इस बात की सलाह दे रहे हैं कि खतरा कम हुआ है, पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. इसलिए उन सभी सावधानियों का पालन करें, जिन्हें कोविड के टाइम पर फॉलो कर रहे थे. क्योंकि आज भी दुनिया के अधिकतर देशों में सैकड़ों या हजार की तुलना में कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं. 


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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