How To Deal With Wife Anger: एबीपी न्यूज का हेल्थ सेक्शन नियमित रूप से पढ़ने वाले पाठक इस बात को अच्छी तरह जान चुके होंगे कि महिलाओं में बार-बार मूड बदलना, गुस्सा करना, उदास रहना इत्यादि उनकी आदत से जुड़ी समस्या नहीं है... बल्कि ये सब हॉर्मोन्स का लोचा है! मूड स्विंग्स से बचने का एकमात्र तरीका है हॉर्मोनल इंबैलेंस से बचना. अब आपके मन में सवाल आएगा कि इसे आप कैसे कंट्रोल कर सकते हैं... तो जनाब इसका उत्तर देने के लिए ही तो हम यहां हैं. जान लीजिए कि आप कैसे अपनी वाइफ या गर्लफ्रेंड के मूड को हमेशा हैपी बनाए रख सकते हैं, वो भी बिना कोई भारी खर्च किए. इसे पढ़ने के बाद इन पॉकेट फ्रेंडली टिप्स के लिए आप चाहें तो हमें थैंक्यू बोल सकते हैं. आइए मुद्दे की बात जानते हैं...


पत्नी बहुत गुस्सा क्यों करती है?


मूड स्विंग्स के दौरान सबसे अधिक परेशान करने वाली चीज होती है गुस्सा. क्योंकि बिना मतलब खुश होना, बिना मतलब गुस्सा आना, दोनों ही मूड स्विंग्स के पार्ट है. लेकिन पार्टनर को खुश देखकर तो सभी खुश हो जाते हैं इसलिए उनका बिना बात खुश होना हमारा ध्यान आकर्षित नहीं करता. मूड स्विंग्स पर आपका सबसे अधिक ध्यान तब जाता है, जब आपको दिखने लगता है कि आपकी पार्टनर को बिना बात बहुत गुस्सा आने लगा है या वो छोटी-छोटी बातों पर बहुत ज्यादा रिऐक्ट करने लगी है.


महिलाओं में मूड स्विंग्स को प्री-मैन्स्ट्रुअल सिंप्टम्स से जोड़कर देखा जाता है, जो कि सही भी है. लेकिन मूड स्विंग्स की समस्या सिर्फ PMS तक सीमित नहीं है. बल्कि न्यूट्रिशन से भी इसका सीधा कनेशक्शन है. अगर महिलाओं की डेली डायट में ऐसी चीजें शामिन नहीं हैं, जो हैपी हॉर्मोन्स के सीक्रेशन को बढ़ाती है तो महिलाओं में मूड स्विंग्स की समस्या अधिक होती है. ऐसे में वे बिना बात गुस्सा करती हैं और बिना बात उदास भी रहती हैं.


वाइफ को खुश रखने का तरीका क्या है?


आप अपनी वाइफ की डेली डायट में हैपी हॉर्मोन्स बढ़ाने वाली ये 4 चीजें शामिल कर दीजिए... उनका गुस्सा करना अपने आप बंद हो जाएगा. इन फूड्स के नाम और काम करने का तरीका यहां जान लें...


प्रोटीन: इसमें में पाए जाने वाले अमीनो एसिड्स न्यूरोट्रांसमीट्रर्स की तरह काम करते हैं. न्यूरोट्रांसमीट्रर्स बॉडी के अंदर अंगों के बीच कम्यूनिकेशन और मैनेजमेंट का काम करते हैं और मूड को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं.


पालक: आयरन, मैग्निशियम फिनेथेलेमीन होते हैं. ये तीनों पोषक तत्व एक साथ मिलकर जब शरीर में जाते हैं तो ऐंटी-डिप्रेसेंट की दवाओं की तरह काम करते हैं, जिससे गुस्सा और उदासी हावी नहीं होते हैं.


फर्मेंटेड फूड:  इडली, डोसा, ढोकला, फर्मेंटेड आंवला, किमची, कांची, दही इत्यादि. इनमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स मूड बूस्ट करने का काम करते हैं.


ऐंटिऑक्सिडेंट्स: ये मूड को सही रखने और हॉर्मोनल बैलेंस को बनाए रखने में बहुत प्रभावी होते हैं. बॉडी में हर दिन इनकी पूर्ति के लिए ब्लूबेरी, मालबेरी, आंवला, बेर, अंगूर, किशमिश, मुनक्का जैसे फूड्स हर दिन खाने चाहिए.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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