Post Covid Symptoms: कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में तांडव मचाया था. करोड़ों लोग इसकी गिरफ्त में आए थे. वहीं, लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई. लेकिन बहुत से ऐसे खुशकिस्मत भी थे जो इसकी चपेट में आने के बावजूद अपनी जान बचाने में कामयाब रहे. हालांकि, उस समय इस महामारी से लड़कर जीतने वाले लोगों की मुश्किलें अब भी कम नहीं हुई है. कोरोना संक्रमण (Corona) से मौत की जंग जीत चुके लोग लगातार सर्दी-खांसी और एलर्जी जैसी परेशानियों से त्रस्त हैं. इसके अलावा कई लोग शारीरिक और मानसिक कमजोरी से जूझ रहे हैं. इतना ही नहीं अब भी स्वाद ग्रंथियां ठीक से काम न कर पाने के कारण, उनके मुंह का स्वाद भी गायब है. डॉक्टरों की माने तो ये सभी संकेत पोस्ट कोविड के हैं. ऐसे मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जो बार-बार इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते ही ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है. 

 

 क्या कहते हैं आंकड़े

 

दरअसल, मौसम में बदलाव होने और नमी के कारण लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इन बीमारियों से जूझ रहे 250 से ज्यादा लोग ओपीडी में पहुंच रहे हैं. हालांकि, कोरोना के केस तो बहुत कम हैं, लेकिन पोस्ट कोविड की समस्या में इजाफा हुआ है, जिसके कारण रोगियों की संख्या बढ़ी है. छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां अब तक कोविड के 11.77 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. इनमें से 15-17 प्रतिशत लोग  लगातार खांसी और एलर्जी से परेशान हैं. 

 

ये समस्या भी कॉमन

जानकारी के मुताबिक ऐसे मरीजों के मुंह का स्वाद आता-जाता रहता है. डॉक्टर्स के मुताबिक यह कोरोना से ठीक होने के बाद की समस्या है. इसके इलाज के लिए डॉक्टर्स लगातार प्रयासरत हैं. सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बात यह है  कि कोविड पेशेंट्स के दूसरे रोगों को मिटाने के लिए छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े हॉस्पिटल अंबेडकर अस्पताल में पोस्ट कोविड ओपीडी की शुरुआत की गई थी. आपको बता दें कि यह अपने तरह की प्रदेश में पहली ओपीडी है. 

 

ठीक होने के बाद ये हो रही परेशानी

 

कोविड से ठीक होने के बाद भी कुछ मरीजों में फेफड़े और नाक में इंफेक्शन देखने को मिल रहा है. वही, कुछ कोविड के मरीज ब्लैक फंगस का भी शिकार हुए हैं. सीनियर मेडिकल कंसल्टेंट डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा और सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ अनुज जाउलकर का कहना है कि यह परेशानी रेयर तो नहीं लेकिन कामन है. नाक में इंफेक्शन के कारण मरीजों को लगातार एलर्जी हो रही है. ऐसे में  संक्रमितों को तुंरत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.