Baby Sleep Advice : बच्चे हो या बड़े सभी के लिए भरपूर और गहरी नींद बेहद जरूरी होती है. अच्छी नींद से ही बॉडी और माइंड को आराम मिलता है. पूरे दिन की थकान के बाद हम अगले दिन की शुरुआत एनर्जी के साथ कर पाते हैं. अगर नींद डिस्टर्ब हो जाए तो सेहत संबधी कई तरह की गड़बड़ियां होने लगती हैं. वहीं, आज के समय में नींद खराब होने का सबसे बड़ा कारण है डिजिटल डिवाइसेस जैसे कि लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन आदि. इनके कारण न सिर्फ बड़ों की बल्कि बच्‍चों की भी नींद खराब होने लगी है.

 

बच्‍चे भी सुबह से लेकर रात को सोते समय तक फोन में लगे रहते हैं. रात में सोते समय फोन पर लगे रहने से बच्‍चों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. अगर आपके बच्चे की भी ऐसी आदतें हैं तो आपको ये पता होना चाहिए बच्‍चों को गहरी नींद से क्या फायदे हैं और उनके लिए कितने घंटे की नींद (Baby Sleep Chart) लेना जरूरी होता है.

 

पर्याप्त और गहरी नींद के फायदे 


  • एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक बच्चे जब गहरी नींद में होते हैं तो उनके शरीर में ग्रोथ हार्मोन काफी एक्टिव होता है.

  • अच्‍छी नींद लेने वाले बच्चों का का इम्‍यून सिस्‍टम ज्‍यादा मजबूत होता है

  • इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत होने से बच्‍चे को रोगों, इंफेक्‍शन, खांसी और जुकाम से लड़ने में मदद मिलती है. 

  • बेहतर नींद लेने से दिनभर थकान महसूस नहीं होती है 

  • पर्याप्‍त और गहरी नींद लेने के बाद बच्चे किसी भी काम में अच्‍छा प्रदर्शन कर पाते हैं. 

  • शरीर को एनर्जी देने चाहते हैं तो रिलैक्‍स करें. नींद से बॉडी पूरी तरह रिलैक्स हो जाती है.

  • जब हम गहरी नींद में होते हैं तो हमारा शरीर ग्‍लाइकोजन बनाता है. इसी से एनर्जी मिलती है और सोकर उठने के बाद आप एक्टिव और खुश महसूस करते हैं.


भरपूर नींद न लेने के नुकसान


  • ड्रिपेशन

  • बाइपोलर डिसऑर्डर

  • एडीएचडी

  • एंग्‍जायटी जैसे मानसिक विकार 


​किस उम्र के बच्‍चे के लिए कितने घंटों की नींद है जरूरी


  • 4- 12 महीने के शिशु को 12-16 घंटे की नींद लेनी होती है.

  • 12 महीने से 2 साल के बच्‍चे को 11-14 घंटे की नींद की जरूरत होती है.

  • 3-5 साल की उम्र में 10-13 घंटे की नींद जरूरी है.

  • 6-12 साल के बच्‍चे को 9-12 घंटे सोना चाहिए.

  • 13-18 साल के बच्‍चों को 8-10 घंटे की नींद की जरूरत होती है.


ऐसे दिलाए बच्‍चों को अच्‍छी नींद


  • सोते समय जहां बच्चा सोता है वहां का शांत माहौल होना चाहिए. जिस कमरे में सो रहे हैं, उसमें हल्‍की या मध्यम रोशनी रहनी चाहिए.

  • यह हमेशा नोट करें कि आपका बच्‍चा कितनी देर तक सो रहा है और बाकी की एक्टिविटीज में उसे कितना वक्त लगता है. इससे सही समय पर उसे सुलाने में मदद मिलेगी.

  • शाम को बच्‍चे से ज्‍यादा आउटडोर एक्टिविटी ना करवाएं, इस समय उसे थोड़ा शांत रहने दें.


 डॉक्टर देते हैं क्या एडवाइस


  • चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर संजय कुमार ने बच्चों की नींद को लेकर कई जरूरी बातें बताई हैं. उनकी मानें तो नवजात शिशु लगभग 10 से 19 घंटे सोते हैं जबकि उनकी एवरेज नींद कम से कम 14 घंटे की होनी चाहिए.

  • अगर बच्चा कम या ज्यादा होता है तो इसके पीछे पैरेंटल एक्सपेक्टेशन एक वजह हो सकती है यानी कि पेरेंट्स को तय कर लेते हैं कि बच्चे के लिए कितनी नींद जरूरी है. इसके अलावा एक कारण यह भी हो सकता है कि जो मां अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करातीं और बाहर का दूध पिलाती हैं उन बच्चों में भी नींद को लेकर समस्याएं हो सकती है.

  • डॉक्टर की माने तो बच्चों को मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रखना चाहिए, खासतौर पर सोते वक्त. यह बच्चे के दिमाग पर असर डाल सकते हैं और उनकी नींद खराब हो सकते हैं.

  • बच्चे के सोने और उठने का एक रूटीन तय करें जो हर दिन के एक ही होना चाहिए.

  • बच्चे के सोने  से लगभग कुछ घंटे पहले कैफीन से दूर रखें.


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