जानलेवा कोरोनावायरस के सभी लक्षण अब धीरे-धीरे और लगातार हमारे सामने सामने आ रहे हैं. पिछले दस महीनों में हमे कोरोना संक्रमण के बारे में काफी कुछ पता चला है कि, कैसे ये लोगों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है और विभिन्न प्रकार की दवाओं पर इसका किस तरह का रिएक्शन रहता है. COVID-19 एक ऊपरी श्वसन प्रणाली की बीमारी है जिसमें ज्यादातर सूखी खांसी, गले में खराश, ठंड लगना और कमजोरी होती है. इसके अलावा, इस वायरल संक्रमण में कुछ सेंकेंडरी लक्षण भी होते हैं जैसे आंखों का लाल होना, सिरदर्द, गंध और स्वाद न आना. कोरोना संक्रमण के लक्षणों की लंबी लिस्ट में अब एक और लक्षण ‘स्किन रैशेज’ भी जुड़ गया है.


कोविड और स्किन रैशेज


श्वसन संबंधी रोग और त्वचा पर चकत्ते! इन दोनों के बीच कोई संबंध होने पर विश्वास करना मुश्किल है. लेकिन कोविड स्थिति में यह भी मुमकिन है. एक बात जो हम सभी ने COVID-19 के बारे में अब तक सीखी है, वह यह है इस बीमारी के कोई भी लक्षण हो सकते हैं, स्किन रैशेज इसका एक प्रमाण है. दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई तरह के अध्ययन किए गए हैं जो साबित करते हैं कि वायरस से संक्रमित रोगियों में स्किन रैशेज एक सामान्य लक्षण हो सकते हैं. इटली के लोम्बार्डी में त्वचा विशेषज्ञों की स्टडी के अनुसार, अस्पताल में जिन 88 कोरोनोवायरस रोगियों की उन्होंने जांच की, उनमें से 18 में वायरस से संक्रमित होने के बाद स्किन रैशेज की प्राब्लम देखी गई.


क्या कहती है स्टडी


किंग्स कॉलेज, लंदन की स्टडी में कोरोनोवायरस के प्रमुख लक्षण के रूप में स्पष्ट रूप से त्वचा पर चकत्ते दिखाई दिए. इस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, वायरस सबसे पहले कुछ लोगों या उन लोगों की त्वचा पर दिखाई देता है जो अन्य लक्षण विकसित नहीं करते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि स्किन रैशेज को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए और तुरंत इलाज किया जाना चाहिए.


रैशेज कैसे दिखते हैं?


यह बताना मुश्किल है कि कोविड मामलों में स्किन रैशेज कैसे दिखते हैं? दरअसल वे एक दूसरे से काफी अलग हैं. कुछ लोगों में यह रैशेज के साथ पित्ती के रूप में नजर आते हैं किसी में चिकनपॉक्स की तरह  या कई मामलों में धब्बों के निशान बन जाते हैं. ऐसे मे यह स्पष्ट रूप से पहचानना काफी मुश्किल है कि स्किन पर रैशेज कैसे दिखते हैं.


क्या करना चाहिए


वायरस के संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य मुद्दों के कारण होने वाले रैशेज के बीच अंतर करने का कोई निश्चित तरीका नहीं है. इसकी एक झलक से, कुछ भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. इसके कारण कोविड संक्रमण लंबे समय तक रोगियों में अपरिवर्तित हो सकता है, विशेषकर लक्षणहीन लोगों में. अब जब हम जानते हैं कि त्वचा पर चकत्ते कोविड-19  का लक्षण है, तो हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.हमारी सलाह यही है कि अगर आप भी अपनी स्किन पर किसी प्रकार के रैशेज देखते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.


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