आपको फिट और सेहतमंद रखने में आपके वजन की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है. बढ़ा हुआ वजन न सिर्फ आपको रोजमर्रा के कामों में परेशान करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियां देकर समय से पहले मौत का कारण भी बनता है. इसलिए वजन कंट्रोल करना तो बहुत ज़रूरी है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि वज़न कम करने के हर मुमकिन उपाय करने के बाद भी वज़न वहीं का वहीं बना रहता है घटता नहीं. ऐसे में ज़रूरी है कि आप दिनभर में कितनी कैलोरीज खाते हैं उसे गिनें. अपनी कैलोरीज को कंट्रोल करके ही आप अपना वज़न जल्दी से घटा सकते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि आप अपनी कैलोरीज कैसे काउंट कर सकते हैं और खुद को फिट रख सकते हैं.


मोटापा बढ़ने का कारण
ध्यान रखें आप जो कुछ भी खाते हैं, उससे आपको पोषक तत्वों के साथ-साथ ऊर्जा मिलती है. ऊर्जा को कैलोरीज में मापा जाता है. शरीर इन कैलोरीज का इस्तेमाल अलग-अलग फंक्शन्स जैसे- दिल के धड़कने, सोचने, खून को सभी अंगों तक पहुंचाने, खाने, बोलने, सांस लेने और खाना पचाने आदि में करता है. इसके अलावा आपके रोजमर्रा के काम करने जैसे- चलने, बैठने, लेटने, वजन उठाने, फोन चलाने, दौड़ने, सीढ़ी चढ़ने, कंप्यूटर पर टाइप करने, यहां तक कि सोचने आदि में भी ऊर्जा लगती है. रोज़ाना के इन सभी कामों के बाद जो कैलोरीज बच जाती हैं, शरीर उन्हें फैट के रूप में स्टोर करके रख लेता है, ताकि जब शरीर में ऊर्जा की कमी हो तो इस फैट के इस्तेमाल से दोबारा ऊर्जा बनाई जा सके, जिससे व्यक्ति का जीवन चलता रहे. अगर कोई व्यक्ति लगातार अपनी ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरीज ले रहा है, तो रोज की इकट्ठा अतिरिक्त कैलोरीज ही फैट यानी चर्बी के रूप में धीरे-धीरे इकट्ठा होकर मोटापे का कारण बनती हैं.


मोटापा कम करने के लिए सबसे ज़रूरी बात
रोजाना अपने शरीर की ज़रूरत के अनुसार ही कैलोरीज का सेवन करें, तभी अलग से फैट जमा नहीं होगा और शरीर फिट और स्वस्थ रहेगा. इसलिए वजन घटाने के लिए कैलोरीज कंट्रोल का तरीका सबसे कारगर माना जाता है. कैलोरीज कंट्रोल के अलावा एक्सरसाइज की भी वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका है. एक्सरसाइज इसलिए ज़रूरी है ताकि पहले से जमा फैट को स्वस्थ तरीके से बर्न किया जा सके, जिससे धीरे-धीरे वो फैट खत्म होता जाए और शरीर अपने सही शेप में आता जाए.


एक दिन में कितनी कैलोरीज की होती है ज़रूरत?
एक दिन में आपको कितने कैलोरीज की ज़रूरत होती है, ये कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे- आपकी उम्र, आपका लिंग, आपका काम और जीवनशैली, सेहत आदि. हेल्थलाइन के अनुसार, 19 से 25 साल की उम्र के सामान्य एक्टिव युवा व्यक्ति को एक दिन में लगभग 2800 कैलोरीज की ज़रूरत पड़ती है. वहीं 26 से 45 साल की उम्र के वयस्क पुरुष, जो थोड़ा-बहुत एक्टिव रहते हैं, उन्हें एक दिन में 2100 कैलोरीज की ज़रूरत पड़ती है. इसी तरह 18 से 25 की उम्र वाली सामान्य एक्टिव महिला को एक दिन में 2200 कैलोरीज की ज़रूरत पड़ती है, जबकि 26 साल से 50 साल की सामान्य एक्टिव महिला को दिनभर में 2000 कैलोरीज की ज़रूरत होती है. ये ज़रूरत सामान्य लोगों के लिए है, जो रोजमर्रा के काम करते हैं. अगर कोई व्यक्ति ज़्यादा एक्टिव रहता है, तो उसके शरीर की ज़रूरत के अनुसार कैलोरीज की मात्रा बढ़ जाती है. ध्यान रखें कि, ज़रूरत से कम कैलोरीज लेना भी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.


कैसे जानें किस खाने की चीज में कितनी कैलोरीज हैं?
सबसे पहले यह जान लें कि कैलोरी क्या है? कैलोरी ऊर्जा को मापने की यूनिट है. 1 ग्राम पानी का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ाने में जितनी ऊर्जा खर्च होती है, उसे हम 1 कैलोरी कहते हैं. लेकिन खाने-पीने की चीजों में मौजूद कैलोरीज को जोड़ने के लिए ज़रूरी है कि आपको उस चीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट की मात्रा का पता हो. ये जानकारी आपको इंटरनेट पर आसानी से मिल सकती है. इसलिए इसके आधार पर आप नीचे बताए गए तरीके से कैलोरीज कैलकुलेट कर सकते हैं.
1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स (कार्ब्स)= 4 kcal
1 ग्राम प्रोटीन= 4 kcal
1 ग्राम फैट= 9 kcal


इस आधार पर अगर आपको पता है कि किसी खाने की चीज में कितने कार्ब्स, प्रोटीन और फैट हैं, तो आप ये पता लगा सकते हैं कि उसको खाने से आपको कितनी कैलोरीज मिलेंगी. इसे एक उदाहरण से समझते हैं. जैसे आपने चिप्स का एक पैकेट लिया, जिसमें फैट 11 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 17 ग्राम और प्रोटीन 1 ग्राम है. अब आपको पता करना है कि इस चिप्स का पैकेट खाने से आपको कितनी कैलोरीज मिलेंगी, तो इसका तरीका बड़ा आसान है:-


11 ग्राम फैट यानी 11x 9 kcal= 99 kcal
17 ग्राम प्रोटीन यानी 17x 4 kcal= 68 kcal
1 ग्राम प्रोटीन यानी 1x 4 kcal= 4 kcal
तीनों को जोड़ दें तो- 99 kcal+68 kcal+4 kcal= 171 kcal


तो इस तरह से अब आपके पास इस बात की जानकारी है कि आपको एक छोटा सा चिप्स का पैकेट खाने से 171 कैलोरीज मिलेंगी. अगर इसी तरह आपको अपने रोजाना के खानपान की सभी चीजों की कैलोरीज का पता चल जाए, तो कैलोरीज को कंट्रोल करना आपके लिए आसान होगा.


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