What Is Loan Protection Insurance Plan: पर्सनल लोन या होम लोन लेने वाले व्यक्ति की नौकरी चली जाए, मौत हो जाए या किसी भी वजह से हर महीने लोन की किश्त चुकानी मुश्किल हो जाए, तो ऐसे बुरे हालात में लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान काम आता है. इसे आसान भाषा में लोन का बीमा भी कह सकते हैं. लोन लेते वक्त अगर साथ में उसका बीमा करा लें, तो नौकरी या सेहत से जुड़ी विपरीत परिस्थितियां आने पर आपको लोन बीमा की राशि से चुकाया जाएगा. लोन के बीमा का प्रीमियम भुगतान आप हर महीने लोन की किश्त के साथ भी कर सकते हैं.


लोन इंश्योरेंस के फायदे



  • विपरीत परिस्थिति में भी बैंक का लोन चुकाने की टेंशन नहीं रहती

  • लोन का बीमा कराने से कर्ज चुकाने का बोझ परिवार पर नहीं होगा.

  • कुछ लोन बीमा पॉलिसी तो टैक्स बचत की भी सुविधाएं देती हैं.


लोन के बीमा का प्रीमियम


लोन का बीमा कराने पर प्रीमियम की राशि उम्र, स्वास्थ्य, लोन की अवधि के आधार पर तय होती है. अन्य बीमा प्रीमियम की तरह लोन के बीमा के प्रीमियम का भुगतान भी हर महीने किया जा सकता है.


लोन का बीमा करवाते वक्त रखें इन बातों का ख्याल-



  • लोन इंश्योरेंस में केवल एक्सिडेंट नहीं बल्कि लोन लेने वाले व्यक्ति की किसी भी परिस्थिति में हुई मौत पर बीमा कवर मिले तो उसे चुनें

  • बीमा पॉलिसी में हर तरह की विकलांगता को कवर किया जाए

  • प्रीमियम पेमेंट के विकल्प क्या आपकी सहूलियत के हिसाब से हैं

  • क्या बीमा पर ज्वॉइन्ट लोन इंश्योरेंस की सुविधा कंपनी की ओर से दी जा रही है


इन सब बिंदुओं पर एजेंट या बैंक से विस्तृत जानकारी लें और तभी अपने लोन का बीमा करवाएं. वर्ना कहीं ऐसा न हो कि उस लोन इंश्योरेंस के नियम (Insurance Policy Terms & Conditions) ऐसे हों कि आप सिर्फ प्रीमियम देते रहें और जब बीमा की राशि के उपयोग का वक्त आए तो वह आपके मामले पर ही लागू नहीं हो.


यह भी पढ़ें-


Kaam Ki Baat: क्या नया लोन लेने से बेहतर है Top-Up Loan प्लान? जानें इसके फायदे और नुकसान


Kaam Ki Baat: रिश्तेदार के लोन पर गारंटर बनने जा रहे हैं तो जान लें इसके नियम