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इस साल राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत के सुनहरे भविष्य की मिलती है झलक, 2047 के लक्ष्यों पर ज़ोर

President's Address: राष्ट्रपति के अभिभाषण में हर उस पहलू को छुने की कोशिश की गई है, जिससे भारत की बढ़ती ताकत का एहसास हो सके और भविष्य की राह भी देश के सामने स्पष्ट हो.

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President's Address: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण के साथ ही 31 जनवरी से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई. इस बार राष्ट्रपति के अभिभाषण में देश के सुनहरे भविष्य की झलक दिखी. इसके साथ ही भारत सरकार की नीतियों की रूपरेखा भी स्पष्ट हुई.

राष्ट्रपति के अभिभाषण में उन पहलुओं का विस्तार से जिक्र किया गया है, जिसकी बदौलत अगले 25 साल में दुनिया के विकसित देशों में भारत की गिनती होने लगेगी. इसके साथ ही अभिभाषण में उन नीतियों को भी शामिल किया गया, जिसको जरिया बनाकर केंद्र सरकार ने पिछले 9 साल में भारत को दुनिया के ताकतवर देशों की सूची में पहुंचा दिया है.

2047 तक के लक्ष्य की रूपरेखा

राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया है कि भारत के लिए अगला 25 साल अमृतकाल होगा. 2047 तक ऐसा भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अतीत का गौरव भी हो और आधुनिकता का स्वर्णिम अध्याय भी शामिल हो. आत्मनिर्भर होने के साथ ही मानवीय दायित्वों को पूरा करने का भी लक्ष्य रखा गया है. ऐसा भारत, जिसमें गरीबी नहीं होगा और मध्यम वर्ग भी सुखी-संपन्न होगा. विविधता को बरकरार रखते हुए युवा और नारी शक्ति को भरपूर मौका देते हुए देश की एकता को बनाए रखने पर ज़ोर होगा. 2047 में जब आजादी के सौ साल पूरे होंगे, तब भारत विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होगा.

बीते 9 वर्षों की नीतियों का जिक्र

राष्ट्रपति के अभिभाषण में पिछले करीब 9 साल से सरकार जिन नीतियों को लेकर आगे बढ़ रही है, उनका जिक्र करते हुए इस दौरान की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला गया है. अभिभाषण में बताया गया है कि केंद्र सरकार की नीतियों का आधार 'सबका साथ, सबका विकास' के साथ ही 'सबका विश्वास' और 'सबका प्रयास' का मंत्र रहा है. इसी मंत्र पर सरकार भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की राह पर पिछले 9 साल से आगे बढ़ रही है और भविष्य में भी यहीं शासन का आधार रहेगा. इसी का नतीजा रहा है कि भारत को लेकर दुनिया का नजरिया बदल गया है. आज दुनिया में मौजूद हर समस्या के समाधान के लिए लोग भारत की ओर देख रहे हैं. इन 9 वर्षों में मूल सुविधाओं के साथ ही आधिनुक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर भी ध्यान दिया गया है. भारत के डिजिटल नेटवर्क से विकसित देश भी प्रेरणा ले रहे हैं. पॉलिसी पैरालिसिस के दौर से भारत निकल चुका है और दूरगामी फैसलों को मजबूती के साथ लागू किया जा रहा है.

लगातार मजबूत होती अर्थव्यवस्था

राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले 9 साल में बहुत तेजी से मजबूत हुई है. 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, लेकिन अब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसी राह पर बढ़ते हुए 2047 में भारत विकसित राष्ट्र बनेगा.

देशहित है सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

राष्ट्रपति के अभिभाषण में देशहित को ही सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता बताया गया है. देशहित के मद्देनजर मौजूदा सरकार ने हर फैसले को सख्ती से लागू किया है. देश की संप्रभुता पर किसी भी खतरे से निपटने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने से भी सरकार पीछे नहीं हटी. आतंकवाद पर कठोरता से प्रहार करने की नीति पर सरकार चल रही है. पाकिस्तान से लगी सीमा यानी लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) और चीन से लगी सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पड़ोसी देशों के हर दुस्साहस का माकूल जवाब दिया गया है. अनुच्छेद 370 को हटाने और तीन तलाक से जुड़े कानून को बनाने जैसे मुद्दों पर सरकार की पहचान निर्णायक सरकार की रही है. अभिभाषण में कहा गया है कि राष्ट्रहित में मजबूती से लिए गए फैसलों की वजह से ही फिलहाल भारत बाकी दुनिया से बहुत बेहतर स्थिति में है.

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति

राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया है कि बीते कुछ सालों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार लड़ाई जारी है. भ्रष्टाचार मुक्त तंत्र बनाने की दिशा में, बेनामी संपत्ति कानून  को नोटिफाई किया गया. आर्थिक अपराध को अंजाम देकर देश से भाग जाने वाले अपराधियों की संपति जब्त करने के लिए सख्त कानून बनाए गए. सरकारी कामों में टेंडर और खरीद के लिए Government-e-Marketplace (GeM) जैसी व्यवस्था बनाई गई, जिसमें अब तक तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है. टैक्स रिटर्न फाइल करने में आने वाली दिक्कतों को दूर किया गया. अब टैक्स रिफंड कुछ दिनों में मिल जाते हैं. जीएसटी से अप्रत्यक्ष कर के मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित किया गया. जनधन-आधार-मोबाइल से फर्जी लाभार्थियों को हटाने से लेकर वन नेशन वन राशन कार्ड तक के सफर से सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर बहुत हद तक अंकुश लगाया गया. इसकी वजह से 27 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम सीधे करोड़ो लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंचाई गई. विश्व बैंक ने भी माना है कि ऐसी योजनाओं और ऐसी व्यवस्थाओं की वजह से ही कोरोना काल में भारत में करोड़ों लोग गरीबी रेखा से नीचे जाने से बच गए.

गरीब की चिंताओं का स्थायी समाधान

राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया कि मौजूदा सरकार के लिए गरीबी हटाओ सिर्फ नारा नहीं है. सरकार का पूरा फोकस गरीब की चिंताओं का स्थायी समाधान पर रहा है. गंभीर बीमारियों की वजह से गरीबी के दुष्चक्र से बचाने के लिए देशभर में आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई. इससे 50 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली. इस योजना से उनके 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बचे हैं. नौ हजार जनऔषधि केंद्रों में सस्ती दवाओं को उपलब्ध कराकर बीते सालों में गरीबों के करीब 20 हजार करोड़ रुपये बचाए गए हैं. जल जीवन मिशन के जरिए पिछले तीन साल में 11 करोड़ परिवार पाइप्ड वाटर सप्लाई से जुड़ चुके हैं. इसका सबसे ज्यादा लाभ गरीब परिवार को हो रहा है. बीते सालों में सरकार ने साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को पक्का घर बनाकर दिया है.

छोटे किसान सरकार की प्राथमिकता में

राष्ट्रपति के अभिभाषण में देश के 11 करोड़ छोटे किसानों को सरकार की प्राथमिकता बताया गया है. कहा गया है कि सरकार इन्हें सशक्त और खुशहाल बनाने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत छोटे किसानों को सवा दो लाख करोड़ रुपये ज्यादा की सहायता दी गई है. इनमें शामिल करीब तीन करोड़ महिला लाभार्थियों को 54 हजार करोड़ रुपये मिल चुके हैं. छोटे किसानों के लिए फसल बीमा, सॉयल हेल्थ कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड की कवरेज बढ़ाने के साथ ही पहली बार पशुपालकों और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा गया है.

देश के हर इलाके के विकास पर फोकस

राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया है कि सरकार समृद्धि के पैमाने पर पीछे रह गए इलाकों की पहचान कर उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने पर काम कर रही है. इसके लिए आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है. अब देश में 500 ब्लॉक को Aspirational Block के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया गया है. जनजातीय क्षेत्रों, पहाड़ी क्षेत्रों, समुद्री क्षेत्रों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सरकार विकास के हर पैमाने को पहुंचाने पर काम कर रही है. सीमावर्ती गांवों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए Vibrant Villages Programme पर काम जारी है. राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचों को बड़े स्तर पर मजबूत करने का काम किया गया है.

मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान

राष्ट्रपति के अभिभाषण में मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का भी जिक्र किया गया है. इसी की बदौलत आज भारत में दुनिया भर से मैन्युफेक्चरिंग कंपनियां आ रही हैं. सरकार की नई पहल से रक्षा निर्यात छह गुना हो गया है. भारत में बने सामानों का निर्यात बढ़ रहा है. आज भारत दुनिया में मोबाइल फोन का एक बड़ा निर्यातक बन चुका है. खिलौनों के आयात में 70 प्रतिशत कमी आई है, जबकि निर्यात 60 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ा है. देश में ही सेमीकंडक्टर चिप से लेकर हवाई जहाज बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. देश में इनोवेशन और entrepreneurship पर ज़ोर दिया जा रहा है. देश के युवाओं को मौका दिया जा रहा है. युवा अपने इनोवेशन की ताकत दुनिया को दिखा रहे हैं. हम ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान से 40वें स्थान पर आ गए हैं. आज भारत में करीब 90 हजार रजिस्टर्ड स्टार्ट अप्स हैं.

मजबूत बुनियादी ढांचे का विकास

बीते 8 साल में 3 लाख किलोमीटर से ज्यादा नए ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क बना है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 2013-14 तक देश में करीब तीन लाख इक्यासी हजार किलोमीटर सड़कें बनीं थीं. ग्रामीण सड़कों का ये नेटवर्क 2021-22 तक सात लाख किलोमीटर से भी ज्यादा हो गया है. देश की 99% से अधिक बस्तियां सड़क मार्ग से जुड़ चुकी हैं. नेशनल हाइवे नेटवर्क में पिछले आठ साल के दौरान 55% से ज्यादा का इजाफा हुआ है. जल्द ही भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत देश के 550 से ज्यादा जिले हाइवे से जुड़ जाएंगे. अर्थव्यवस्था को गति देने वाले corridors की संख्या 6 से बढ़कर 50 होने वाली है. एविशन सेक्टर का तेजी से विकास हो रहा है. देश में एयरपोर्ट्स की संख्या 2014 के 74 से बढ़कर 147 हो गई है. भारत दुनिया का तीसरा बड़ा एविएशन मार्केट बन चुका है. जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के दुर्गम क्षेत्रों को रेलवे से जोड़ा जा रहा है.

मेडिकल शिक्षा का तेजी से विस्तार

2014 से 2022 तक 260 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं. 2004 से 2014 के बीच देश में सिर्फ 145 मेडिकल कॉलेज खुले थे. अब मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या पहले के मुकाबले दोगुनी हो चुकी है. बीते आठ वर्षों में 300 से अधिक नए विश्वविद्यालय बने हैं. 2014 से पहले देश में कुल 725 विश्वविद्यालय थे. 2014 से अब तक देश में पांच हजार से ज्यादा नए कॉलेज भी खोले गए हैं.

वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर

राष्ट्रपति के अभिभाषण से ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि भारत सिर्फ अपने बारे में ही नहीं सोचता है. वैश्विक चुनौतियों को लेकर भी उतना ही गंभीर और  संवेदनशील है. भारत ऐसा देश बनकर उभरा है जो आज की विभाजित दुनिया को किसी न किसी रूप में जोड़ रहा है. यहीं वजह है कि दुनिया भारत की तरफ उम्मीद की नज़रों से देख रही है. भारत की सोच 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' की है. जी 20 अध्यक्ष के तौर पर भारत मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक हल निकालने पर काम कर रहा है. राष्ट्रपति के अभिभाषण में मौजूदा वक्त को वैश्विक रिश्तों के नजरिए से भारत का बेहतरीन दौर बताया गया है. जी 20 की अध्यक्षता के साथ ही भारत इस साल एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है. साथ ही क्वाड (QUAD) सदस्य के तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए काम कर रहा है. 

राष्ट्रपति का अभिभाषण संसदीय प्रक्रिया का अहम हिस्सा माना जाता है. इससे साल की शुरुआत में देश के नागरिकों को सरकार की सोच और नजरिया जानने के साथ ही एक तरह से आने वाले वक्त के लिए देश की नीतियों से भी रूबरू होने का मौका मिलता है. 

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Published at : 31 Jan 2023 07:00 PM (IST) Tags: president address' Budget Session India 2047
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