पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था के बारे में आज पूरी दुनिया जानती है. पाकिस्तान की इकोनॉमी आज कर्ज में डूबी हुई है. लेकिन अब शायद पाकिस्तान अपनी इकोनॉमी को सुधारने के लिए कैनबिस यानी गांजे का सहारा लेने वाला है. आज हम आपको बताएंगे कि पूरा मामला क्या है. आखिर क्यों पाकिस्तान गांजे का सहारा लेकर अपनी इकोनॉमी को बूस्ट करने की कोशिश कर रहा है. 

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पाकिस्तान में कैनबिस लीगल   

बता दें कि पाकिस्तान मेडिकल जरूरतों के नाम पर कैनबिस के इस्तेमाल को लीगल करने जा रहा है. आसान भाषा में समझाए तो कैनबिस वो पौधा होता है, जिससे भांग-गांजा और चरस बनाया जाता है. पाकिस्तान के इस कदम के बाद माना जा रहा है कि पाकिस्तान अपनी डूबती अर्थव्यवस्था को कैनबिस के जरिए सुधारने का प्रयास करने जा रहा है. हालांकि माना जा रहा है पाकिस्तान में कैनबिस लीगल होने के बाद वहां के युवा बहुत तेजी से नशे की चपेट में आएंगे.  

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कैनबिस का ग्लोबल मार्केट

दुनियाभर में कैनबिस का ग्लोबल मार्केट बहुत बड़ा है. कई देशों में पहले से कैनबिस लीगल भी है और व्यापक स्तर पर इसका इस्तेमाल दवाओं के लिए किया जाता है. लेकिन ये भी सच है कि युवा कैनबिस के नशे की तरफ भी तेजी से बढ़ रहे हैं. स्टेटिस्टा की एक रिपोर्ट के मुताबिक  इस साल ग्लोबल कैनबिस मार्केट 64.73 बिलियन डॉलर (5 लाख 40 हजार करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा.

पाकिस्तान कैसे कर रहा कैनबिस को लीगल

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक बीते फरवरी में पाकिस्तान सरकार ने एक ऑर्डिनेंस पास किया था, जिसके बाद CCRA (Cannabis Control and Regulatory Authority) बनाई गई है. बता दें कि सीसीआरए के पास अधिकार होता है कि वो मेडिकल और इंडस्ट्रियल उद्देश्यों के लिए कैनबिस की खेती, रिफाइनिंग, मैनुफैक्चरिंग और बिक्री कर सकता है. इसके अलावा इस सीसीआरए कमेटी में 13 सदस्य होंगे. इनमें कई पाकिस्तानी सरकारी विभागों, खुफिया एजेंसियों और निजी क्षेत्र के लोग होंगे.

कहां होगी कैनबिस की खेती 

बता दें पाकिस्तान में के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में कैनबिस की अवैध खेती होती है. लेकिन कैनबिस लीगल होने के बाद पाकिस्तान सरकार ये फैसला लेगी कि कैनबिस की खेती किन इलाकों में की जाएगी. इतना ही नहीं कैनबिस यानी गांजे की खेती से लेकर ब्रिकी तक पर सिर्फ सरकार ही अंतिम फैसली लेगी. माना जा रहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए सख्त जुर्माना भी तय किया गया है.  

कहां से आया ये आइडिया

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में सीसीआरए जैसी संस्था बनाने का सुझाव पहली बार 2020 में दिया गया था. उस वक्त इमरान खान प्रधानमंत्री थे. पाकिस्तान उसी वक्त से ग्लोबल कैनबिस बिजनेस का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (पीसीएसआईआर) के अध्यक्ष सैयद हुसैन आबिदी ने अल जज़ीरा को बताया कि वो अपने विदेशी भंडार को बढ़ाने के लिए एक्सपोर्ट, विदेशी निवेश और घरेलू बिक्री के माध्यम से रेवेन्यू जनरेट करने के लिए भी कैनबिस का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि माना जा रहा है कि इस कदम से पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार होगा. 

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