दुनियाभर में भारतीय रेलवे चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारत में हर दिन लाखों यात्री भारतीय रेलवे से सफर करते हैं. भारतीय रेलवे हर दिन नई ऊंचाईयों को छू रहा है. भारत में आने वाले समय में बुलेट ट्रेन भी चलेगी, जिसके लिए तैयारियां जारी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन में अब तक कितने यात्रियों ने सफर किया है. आज हम आपको बताएंगे कि वंदे भारत ट्रेन में कितने यात्रियों ने सफर किया है. 


वंदे भारत ट्रेन


वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली हाई स्पीड ट्रेन है. आज भारत के अधिकांश रेल रूट पर वंदे भारत ट्रेन चल रही है. बता दें कि देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चली थी. जानकारी के मुताबिक अभी देश में 50 से अधिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चल रही हैं.


कितने यात्रियों ने किया सफर


भारत के अधिकांश रूट पर आज हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ रही है. जिससे लाखों यात्री सफर कर रहे हैं. लेकिन रेलवे के मुताबिक इस साल 31 मार्च तक दो करोड़ से अधिक यात्रियों ने इन सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों में सफर कर चुके हैं. बीते अप्रैल में ये संख्या और बढ़ी है. आंकड़ों के मुताबिक वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक स्लीपर कोच लगने के बाद यात्रियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ेगी. 


हाई स्पीड ट्रेन


सफर के दौरान अधिकांश यात्री कम समय में अपने मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं. यही कारण है कि आज भारत में चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को अधिकांश यात्री पसंद करते हैं और उसमें सफर करते हैं. देश के अलग-अलग 100 रूट पर आज के वक्त 102 से ज्यादा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. जिससे लाखों यात्री सफर करते हैं. एक अधिकारी के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों ने पृथ्वी के 310 चक्कर के बराबर दूरी कवर की थी. 


वंदे भारत स्लीपर 


बता दें कि अभी तक वंदे भारत ट्रेनों में केवल बैठने की सुविधा है. वंदे भारत को अभी सिर्फ शताब्दी एक्सप्रेस के रूट पर चलाया जा रहा है. लेकिन आने वाले समय में इसके स्लीपर वर्जन भी लॉन्च होने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक धीरे-धीरे अधिकांश रूट पर वंदे भारत स्लीपर वर्जन पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी. माना जा रहा है कि इस साल के अंत में मुबंई, अयोध्या समेत कई रूट पर स्लीपर ट्रेनें नजर आएगी. 


ये भी पढ़ें: Highest City: दुनिया का सबसे ऊंचा शहर कितनी फीट की ऊंचाई पर बसा, यहां जीवन नहीं इतना आसान