India Myanmar Border in Mizoram:
'पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से हो गई बात'
इंडिया टूडे नॉर्थ ईस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के सीएम लालदुहोमा इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा की और यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया है.
आइजोल स्थित जो पुनर्मिलन संगठन एक मिजो ग्रुप है, जो एक प्रशासनिक इकाई के तहत भारत, बांग्लादेश और म्यांमार की सभी चिन-कुकी-मिजो-जोमी जनजातियों के एकीकरण की मांग करता है. इस संगठन की ओर से कहा गया कि वह जोखावथर और वाफई में शांतिपूर्ण रैलियां निकालेगा. जोरो संगठन ने बताया कि वे भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को समाप्त करने के केंद्र के फैसले के विरोध में 16 मई 2024 को बॉर्डर पर प्रदर्शन करेंगे.
मिजोरम में शरण लिए हैं म्यांमार के कई लोग
म्यांमार के राज्य चिन के साथ मिजोरम 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और मिजोस चिन के साथ जातीय संबंध शेयर करता है. राज्य गृह विभाग के अनुसार, म्यांमार के 34,000 से अधिक लोग वर्तमान में मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण ले रहे हैं. फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां चिन राज्य के लोग अपना घर छोड़कर भाग गए थे.
केंद्र के फैसले के विरोध में मिजोरम सरकार
केंद्र सरकार ने जब भारत-म्यांमार के बॉर्डर पर फैंसिंग करने का फैसला किया था, तब मिजोरम सरकार, नागरिक समाज संगठनों और छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया था. उनका मानना है कि इससे दोनों देशों के जातीय समुदायों के बीच संपर्क प्रभावित होंगे. मिजोरम विधानसभा ने 28 फरवरी को भारत-म्यांमार सीमा पर तार लगाने और एफएमआर को खत्म करने के केंद्र के फैसले के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया था.
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