बिहार में हुए विधानसभा चुनाव और एनडीए की प्रचंड जीत के बाद सियासी समीकरण नए तरीके से लिखे जा रहे हैं. अब तक बिहार की राजनीति का केंद्र रहा 10 सर्कुलर रोड बंगला एक बार फिर चर्चा में आ गया है. यह बंगला बीते दो दशक के राजद सुप्रीमो लालू यादव और राबड़ी देवी का आवास रहा है, यहीं पर उनका राजनीतिक दरबार भी लगता रहा है. हालांकि, बिहार सरकार ने इस बंगले को राबड़ी देवी से खाली कराने का आदेश जारी कर दिया है. बता दें, राबड़ी देवी को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री यह आवास आवंटित किया गया था. 

Continues below advertisement

बिहार में 10 सर्कुलर रोड बंगले को लेकर लिखी जा रही पटकथा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में लोगों की दिलचस्पी सरकारी आवास आवंटन की प्रक्रिया जानने को लेकर है. हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार के सबसे बड़े सियासी कुनबे यानी लालू परिवार में कई MP-MLA से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक हैं. ऐसे में क्या हर किसी को अलग-अलग सरकारी आवास आवंटित किया जाता है? इसको लेकर नियम क्या है, चलिए जानते हैं...

कितना बड़ा है लालू यादव का कुनबा

Continues below advertisement

बिहार की सियासत लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के बिना अधूरी मानी जाती है. 1973 में लालू यादव और राबड़ी देवी की शादी के बाद उनके नौ बच्चे हुए, जिसमें सात बेटियां और दो बेटे शामिल हैं. भले ही हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में इस परिवार के वर्चस्व में कुछ कमी आई हो, लेकिन दशकों से सियासी धुरी का केंद्र लालू यादव का परिवार ही रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह लालू-राबड़ी के ज्यादातर बच्चों की राजनीतिक सक्रियता है. उनके परिवार में बेटियों से लेकर बेटे तक राजनीति में सक्रिय हैं ओर कई सांसद से लेकर विधायक तक रह चुके हैं. चलिए जानते हैं सबके बारे में.... 

  • लालू यादव: राजद सुप्रीमो, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में रेल मंत्री रह चुके हैं.
  • राबड़ी देवी: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में बिहार विधान परिषद की सदस्य हैं.
  • मीसा भारती: लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी और लोकसभा सांसद हैं.
  • रोहिणी आचार्य: लालू यादव की दूसरी बेटी, राजनीतिक में सक्रिय थीं. हालांकि, परिवार विवाद के बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है.
  • तेज प्रताप यादव: लालू प्रसाद यादव की 8वीं संतान और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव सुर्खियों में रहते हैं. वह विधायक और मंत्री रह चुके हैं. हालांकि, बीते दिनों उन्हें परिवार और राजनीति से निष्कासित कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई, लेकिन खुद की सीट भी नहीं बचा सके.
  • तेजस्वी यादव: लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. वर्तमान में विधायक हैं. 

क्या है आवास आवंटन का नियम

सबसे पहले तो यह जान लें कि सरकार किसी सांसद या विधायक को उनके पद के अनुसार सरकारी बंगले का आवंटन करती है न कि परिवार के आधार पर. यानी अगर एक परिवार में कई लोग सांसद हैं तो केंद्र सरकार सभी को अलग-अलग सरकारी आवास आवंटित करती है. यही नियम विधायक पर भी लागू होता है. हालांकि, अगर परिवार संयुक्त रूप से एक आवास पर रहना चाहता है तो उन्हें एक बड़ सरकारी बंगला भी आवंटित हो सकता है. इसके बावजूद सभी सांसद व विधायक अलग-अलग आवास पाने का अधिकार रखते हैं. 

यह भी पढ़ें: अगर राबड़ी देवी सर्कुलर हाउस खाली करने से इनकार कर दें तो क्या होगा, क्या जबरन निकाल सकती है बिहार सरकार?