पटना का प्रसिद्ध 10 सर्कुलर रोड कभी लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की सत्ता का केंद्र माना जाने वाला यह सरकारी आवास अब नए विवाद के केंद्र में है. बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने साफ आदेश जारी किया है कि राबड़ी देवी को यह आवास अब खाली करना होगा, क्योंकि मंत्री और विधान परिषद नेताओं के नए आवास आवंटन में यह घर अब दूसरे उपयोग के लिए तय किया गया है. लालू परिवार को नया आवास हार्डिंग रोड स्थित हाउस नंबर 39 दिया गया है.

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नई सरकार के गठन के बाद सभी मंत्रियों के आवास नए सिरे से तय किए गए और इसी प्रक्रिया में राबड़ी देवी, जो फिलहाल बिहार विधान परिषद की नेता प्रतिपक्ष हैं, उन्हें नया आवास आवंटित किया गया है, यानी प्रशासनिक रूप से अब 10 सर्कुलर रोड पर लालू परिवार का ठहराव नियमों के खिलाफ माना जाएगा.

लेकिन इस कहानी में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर राबड़ी देवी यह घर खाली करने से मना कर दें, तो आगे क्या होगा? क्या बिहार सरकार उन्हें जबरन बाहर निकाल सकती है? क्या कोई कानूनी बाधा है या यह सिर्फ एक औपचारिक प्रक्रिया है? आइए जान लेते हैं.

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सरकारी आवास के नियम क्या कहते हैं?

सरकारी आवास किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक या अधिकारी को सिर्फ उनके पद और अधिकार के आधार पर आवंटित किया जाता है. जैसे ही पद बदलता है या नया आवास दे दिया जाता है, पुराना आवास खाली करना अनिवार्य हो जाता है. किसी भी सरकारी आवास को खाली ना करने की स्थिति में भारत में ‘पब्लिक प्रिमाइसेस (इविक्शन ऑफ अनऑथराइज्ड ऑक्युपेंट्स) एक्ट, 1971’ लागू होता है. इसके तहत सबसे पहले नोटिस भेजा जाता है, तो इसके बाद निर्धारित समय में जवाब देना या घर खाली करना जरूरी होता है.

समय समाप्त होने पर यह कब्जा या अनधिकृत मान लिया जाता है. इसके बाद जिला प्रशासन को कार्रवाई का अधिकार मिल जाता है. इसमें पुलिस बल के साथ जबरन बेदखली तक की कार्रवाई की जा सकती है. 

राबड़ी देवी के मामले में सरकार क्या कर सकती है?

अगर राबड़ी देवी सर्कुलर रोड का सरकारी बंगला खाली करने से इनकार कर दें, तो बिहार सरकार के पास कुछ वैध विकल्प होंगे:

1. पहला कदम- दूसरा नोटिस

सरकार एक दूसरा रिमाइंडर नोटिस भेज सकती है, जिसमें खाली करने की समयसीमा तय होगी.

2. केस को ‘अनधिकृत कब्जा’ घोषित करना

अगर तय समय में घर खाली नहीं होता, तो राज्य सरकार इस कब्जे को अनधिकृत घोषित कर देगी.

3. जिला प्रशासन की कार्रवाई

इसके बाद DM और प्रशासन को अधिकार मिलते हैं कि वे कानून के अंतर्गत घर खाली करवाएं.

4. पुलिस सहायता

जरूरत पड़ने पर पुलिस बल का उपयोग भी किया जा सकता है, हालांकि VIP मामलों में इसे सबसे अंतिम विकल्प रखा जाता है.

क्या सरकार जबरन निकाल सकती है?

साफ शब्दों में हां, नियम इसकी पूरी अनुमति देते हैं. लेकिन राजनीतिक संवेदनशीलता और राबड़ी देवी की पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत को देखते हुए, यह कदम उठाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा. अधिक संभावना यही रहती है कि बातचीत और औपचारिक प्रक्रिया के जरिए मामला सुलझाया जाए.

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