किसी भी देश में मृत्युदंड किसी आपराधिक अपराध के लिए अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद सजा के तौर पर दिया जाता है. अमूमन मौत की सजा में दोषी को फांसी दी जाती है. लेकिन इस बार अमेरिका के अलबामा राज्य में 25 जनवरी को नाइट्रोजन हाइपोक्सिया के जरिए मौत की सजा दी जाने वाली है. जानकारी के मुताबिक फांसी का ये तरीका बहुत साइंटिफिक और दर्दरहित है. आज हम आपको बताएंगे कि नाइट्रोजन हाइपोक्सिया क्या होता है. 


नाइट्रोजन हाइपोक्सिया 


अमेरिका में मृत्युदंड का ये तरीका पहली बार एलन यूजीन मिलर पर आजमाया जाने वाला है, जिसे मौत की सजा मिली हुई है. पहले उसे ये सजा इंजेक्शन के जरिए दी जाने वाली थी, लेकिन फिर इसे दर्दनाक तरीका पाते हुए उसे खारिज कर दिया गया था. एलन यूजीन मिलर ने 1999 में अपने कार्यस्थल पर गोलीबारी करके 03 लोगों को मार दिया था, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. जिसके बाद उसे मौत की सजा मिली है. बता दें कि अमेरिका में इस सजा को पांच साल पहले ही मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन अब तक इसका इस्तेमाल नहीं हुआ था. 


नाइट्रोजन हाइपोक्सिया क्या है ?


नाइट्रोजन हाइपोक्सिया ऑक्सीजन को नाइट्रोजन से बदल देता है, ये शरीर के ऑक्सीजन की आपूर्ति रोककर नाइट्रोजन भेजने लगता था. जिसके बाद कैदी ऐसी स्थिति में नाइट्रोजन में सांस लेने के लिए मजबूर हो जाएगा. इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सीमित होते हुए कम हो जाएगी, जिससे व्यक्ति की मृत्यु हो जाएगी. 


क्या होती है नाइट्रोजन?


पृथ्वी के वायुमंडल का करीब 78 फीसदी नाइट्रोजन ही है. नाइट्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन गैस है. यह गैर ज्वलनशील और गैर विषैली है. इस तकनीक में एक मिनट के अंदर बेहोशी शुरू हो जाती है. इसके बाद कुछ मिनट के अंदर व्यक्ति की मृत्यु हो जाएगी.


 


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