Dibrugarh Express Train Accident: चंडीगढ़ से चलकर डिब्रूगढ़ की ओर जाने वाली चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कुछ 10 से 11 डिब्बे पटरी से उतरने से ये हादसे का शिकार हो गई है, फिलहाल इस हादसे में चार लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. मेल/एक्सप्रेस श्रेणी की ये ट्रेन सप्ताह में महज दो दिन चलाई जाती है. इस ट्रेन को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ पहुंचने में लगभग 54 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में चलिए इस ट्रेन से जुड़ी सभी जानकारियां जानते हैं.

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चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस में हैं कितने कोच?


चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 10 से 11 कोच पलट जाने की बात सामने आ रही है. वहीं इस पूरी ट्रेन में कोच की संख्या की बात करें तो वो 21 है, इसके अलावा इंजन और जेनरेटर कोच को मिला दिया जाए तो इसमें कुल डब्बे 23 गिने जा सकतै हैं.


कितने स्टेशनों का करती है सफर


अपने सफर के दौरान चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस 35 स्टेशनों पर रुकती है. ये ट्रेन चंडीगढ़ से शुरू होती है और हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचती है. इस ट्रेन के सफर में एक स्टेशन नागालैंड भी आता है. उसके बाद ये फिर से असम में प्रवेश हो जाती है.


इस ट्रेन की शुरुआत पर नजर डालें तो ये ट्रेन साल 2009 में शुरू हुई थी. उस समय तत्कालिन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने वित्त वर्ष 2009-10 के लिए जो बजट पेश किया था उसमें 43 नई ट्रेनें शुरू की गई थी उनमें से एक ट्रेन चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस भी थी.


कितना लगता है ट्रेन का किराया?


आमतौर पर इस ट्रेन में ट्रेन में जनरल टिकट का किराया 480 रुपये, स्लीपर का 880 रुपये,थर्ड एसी का 2,310 रुपये और फर्स्ट एसी का किराया 3390 रुपये है. वहीं रेलवे के नियम के मुतााबिक इस ट्रेन में भी बच्चों की टिकट की कीमत हाफ लगती है. यह ट्रेन कोविड-19 महामारी के दौरान महज एक ही दिन ही चलती थी. हालांकि बाद में 22 जुलाई 2022 को इसे फिर से हफ्ते में 2 दिन चलाना शुरू किया गया था.


2660 किलोमीटर करती है सफर


चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस का कुल सफर 2660 किलोमीटर से ज्यादा हो जाता है. ये ट्रेन स्टेशन चंडीगढ़, अंबाला कैंट, सहारनपुर जंक्शन, लखनऊ चारबाग, बरेली, गोंडा, बस्ती, देवरिया,गोरखपुर, सिवान, छपरा, सोनपुर, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बरौनी, खगड़िया, नौगछिया, किशनगंज,कटिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू कूच बिहार, न्यू अलीपुरद्वार, कोकराझार, न्यू बोंगाइगांव, रंगिया, चपरमुख,गुवाहाटी, लुमडिंग, दिपहु दिमापुर, फुर्कटिंग, मरियानी, सिमालुगुड़ी, न्यू तिनसुकिया से होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचती है. बता दें ये ट्रेन देश की सबसे लंबे रूट की ट्रेनों में से एक है.


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