90 के दशक में लोगों के पास मनोरंजन के सीमित साधन थे. उनमें से दूरदर्शन सबसे खास था. उसी समय न तो इतने निजी चैनल थे और न ही ओटीटी प्लेटफॉर्म्स. इसके कारण दूरदर्शन पर कार्यक्रम आसानी से लोगों के घरों का हिस्सा बन जाते थे. दर्शकों को इन सीरियलों का बेसब्री से इंतजार रहता था. ऐसे में आज हम आपको दूरदर्शन की उस सुनहरी दुनिया के उन 10 सीरियल्स के बारे में बताते हैं.


अलिफ लैला
'अलिफ लैला' का प्रसारण 1993 और 1997 के बीच हुआ था. उस समय की अरबी नाइट्स पर आधारित 'अलिफ लैला' की पटकथा रामानंद सागर ने लिखी थी. इसे उनके तीन बेटों प्रेम सागर, आनंद सागर और मोती सागर ने निर्देशित किया था.


ब्योमकेश बख्शी
जासूसी शो 'ब्योमकेश बख्शी' टीवी के मशहूर धारावाहिकों में से एक रहा है. इसके साथ, धारावाहिक की शुरुआत 1993 में हुई. इसे बसु चटर्जी ने निर्देशित किया था. मुख्य भूमिका में अभिनेता रजित कपूर और केके रैना थे.


शक्तिमान
शक्तिमान से पहले बहुत कम लोग सुपरहीरो के बारे में जानते थे. मुकेश खन्ना के इस कार्यक्रम ने बच्चों को एक ऐसी दुनिया से परिचित कराया जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. वे हवा में गोल-गोल घूमते हैं, हाथों से शक्ति निकालते हैं, दुनिया की बुराइयों से लड़ते हैं, ऐसी सभी कल्पनाएं मुकेश खन्ना ने बच्चों के सामने वास्तविकता बनाकर प्रस्तुत की थीं. इस कार्यक्रम की सफलता से पता चला कि भारत में सुपरहीरो का भविष्य उज्ज्वल है. शक्तिमान का प्रसारण वर्ष 1997 में शुरू हुआ था.


कैप्टन व्योम
शक्तिमान के कुछ ही महीनों बाद, दूरदर्शन के रूप में कैप्टन व्योम पर एक और नया प्रयोग किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से विज्ञान के साथ-साथ बच्चों ने भी एलियन के बारे में जाना. शो में एक सुपर हीरो था जो पूरी पृथ्वी की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. कैप्टन व्योम की भूमिका में मिलिंद सोमन ने लोगों का दिल जीत लिया कि वे घर-घर में पहचाने जाने लगे.


चंद्रकांता
1994- 96 में नीरजा गुलेरी ने धारावाहिक 'चंद्रकांता' को लाया. इस धारावाहिक में शिखा स्वरूप, शाहबाज खान, मुकेश खन्ना, इरफान खान और पंकज धीर जैसे कलाकारों ने काम किया था. 'चंद्रकांता' का धारावाहिक उपन्यासकार देवकीनंदन खत्री के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित था. सीरियल में नौगढ़ और विजयगढ़ की कहानी दिखाई गई थी.


श्रीमन श्रीमति
90 के दशक के कॉमेडी सीरियल 'श्रीमान श्रीमती' ने लोगों को खूब हंसाया. यह पहली बार 1994 में प्रसारित किया गया था. इस धारावाहिक का निर्देशन राजन वागधर ने किया था. इस सीरियल में जतिन कनकिया, अजय नागरथ, रीमा लागू, राकेश बेदी और अर्चना पूरन सिंह जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में थे.


पोटली बाबा की
धारावाहिक 'पोटली बाबा की' 1991 में गुलज़ार के निर्देशन में प्रसारित हुआ था. धारावाहिक का टाइटल ट्रैक 'आया रे बाबा' गुलज़ार ने लिखा था. यह गीत बच्चों में बहुत लोकप्रिय हुआ. इस बच्चों के धारावाहिक में, 'अली बाबा चालिस चोर' जैसी कई कहानियां दिखाई गईं.


देख भाई देख
प्रतिष्ठित कॉमिक शो 'देख भाई देख' में दीवान फैमिली की तीन पीढ़ियों के बीच खूबसूरत बॉन्डिंग थी. यह शो जीवन में उतार-चढ़ाव, रिश्ते में विवाद और पारिवारिक समस्याओं को प्रदर्शित करता था. इस धारावाहिक में शेखर सुमन और सुषमा सेठ जैसे कलाकार थे. इसने 1993 में प्रसारण शुरू किया.


स्वाभिमान
90 के दशक में स्वाभिमान धारावाहिक घर-घर में अपने दर्शकों के साथ रिश्ता बनाया. इसके साथ ही मनोज बाजपेयी और रोनित रॉय जैसे कई बड़े अभिनेताओं ने इस धारावाहिक में अभिनय किया. सीरियल को बड़े कलाकारों के होने का फायदा मिला. इसका निर्देशन महेश भट्ट ने किया था. स्वाभिमान 1994 में प्रसारित होना शुरू हुआ.


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