Tamil Nadu Election: द्रमुक (DMK) अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को राज्य में अन्नाद्रमुक (AIADMK) और बीजेपी के बीच चल रहे गतिरोध पर टिप्पणी की. यहां द्रमुक के बूथ स्तरीय एजेंटों के सम्मेलन में पहुंचे स्टालिन ने कहा, “वे एक-दूसरे से लड़ने का दिखावा कर रहे हैं, लेकिन असल में उनके बीच अच्छे संबंध हैं.”


सीएम स्टालिन ने अन्नाद्रमुक की ओर से हाल ही में भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ने के सवाल पर भी जवाब दिया. उन्होंने इस झगड़े को नाटक करार दिया. बता दें कि द्रविड़ नेता दिवंगत सीएन अन्नादुरई के खिलाफ बीजेपी के राज्य प्रमुख के. अन्नामलाई की कथित आलोचनात्मक टिप्पणियों से हुए मतभेद के बाद अन्नाद्रमुक ने बीजेपी संग गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था.


महिला आरक्षण पर मोदी सरकार से पूछा सवाल


स्टालिन ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और संसद में महिला आरक्षण विधेयक के पास होने सहित कई और मुद्दों पर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार वास्तव में आरक्षण लागू करना चाहती थी, अगर हां तो उसे इसे तुरंत लागू करना चाहिए था.


'झगड़े के बीच अमित शाह से क्यों मिले पलानीस्वामी' 


स्टालिन ने कहा, “वे (बीजेपी और अन्नाद्रमुक) लड़ने का नाटक कर रहे हैं. अंदर से उनके बीच दोस्ताना संबंध हैं. ये एक्टिंग क्यों? अन्नाद्रमुक का समर्थन करके, भाजपा को उनके भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी होगी. भाजपा का समर्थन करके, अन्नाद्रमुक को उसकी सांप्रदायिकता में सहायता करनी होगी.” उन्होंने पूछा कि “अन्नाद्रमुक प्रमुख के पलानीस्वामी की हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के पीछे क्या कारण था, जबकि तमिलनाडु में दोनों दलों के बीच तीखी नोकझोंक चल रही थी.”


दो दिन पहले दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात करने वाले अन्नाद्रमुक प्रतिनिधिमंडल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समूह के सदस्य चेन्नई से नहीं बल्कि कोच्चि से दिल्ली पहुंचे. उन्होंने पूछा कि "इन रहस्यमय बैठकों के पीछे क्या राजनीति है." उन्होंने दावा किया कि केंद्र के प्रस्तावित 'वन नेशन वन इलेक्शन' को अन्नाद्रमुक का समर्थन पलानीस्वामी और उनकी पार्टी पर उल्टा पड़ेगा.


'पीएम मोदी ने अपने किसी भी वादे को नहीं किया पूरा'


स्टालिन ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा, “क्या पीएम ने पहले किए गए अपने किसी भी वादे को पूरा किया है, जैसे कि रोजगार सृजन, विदेशों में जमा काले धन को वापस लाना आदि.” उन्होंने कहा कि “चंद्रयान की सफलता का श्रेय अकेले वर्तमान सरकार को नहीं दिया जा सकता क्योंकि यात्रा 2008 में शुरू हुई थी और उन्होंने ऐसी उपलब्धियों के लिए आजादी के बाद से बोए गए बीज को श्रेय दिया.”


ये भी पढ़ें


Karnataka Election: कर्नाटक में JDS को लग सकता है एक और झटका, पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं ने की बैठक, किया ये बड़ा फैसला