Madhya Pradesh New Chief Minister: मध्य प्रदेश में सीएम को लेकर चल रहा सस्पेंस सोमवार (11 दिसंबर) को खत्म हो गया. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एमपी के सीएम के लिए मोहन यादव के नाम का ऐलान कर दिया. हालांकि इस नाम ने हर किसी को चौंका दिया. दरअसल, मोहन यादव सीएम की रेस में कहीं भी नहीं थे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए कई वरिष्ठ नेताओं के बीच होड़ थी.


यहां तक की खुद मोहन यादव भी सीएम बनने के बारे में नहीं सोच रहे थे, लेकिन जिस तरह उनका नाम सामने आया उससे वह भी हैरान हो गए. आइए जानते हैं कि कैसे तमाम धुरंधरों के होने के बावजूद अचानक मोहन यादव का नाम सामने आया.


शिवराज सिंह चौहान ने लिया नाम तो हुए हैरान


दरअसल, तीन पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बीजेपी विधायक दल की बैठक चल रही थी. पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर ने अपने भाषण के बाद शिवराज सिंह चौहान से सीएम के लिए एक नाम का प्रस्ताव पेश करने को कहा. उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव आखिरी पंक्ति में बैठे थे. अचानक शिवराज सिंह चौहान ने उनसे कहा, “अरे मोहन जी, खड़े तो हो जाइये.” यह सुनकर वह थोड़ा हैरान हुए. इसके बाद शिवराज ने स्पष्ट किया कि मोहन यादव का नाम सीएम के लिए प्रस्तावित किया जाता है.


सीनियर नेताओं ने किया प्रस्ताव का समर्थन


प्रस्ताव रखने के बाद मोहन यादव का समर्थन करने वालों में नरेंद्र तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और राजेंद्र शुक्ल भी थे. बता दें कि राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा डिप्टी सीएम का कार्यभार संभालेंगे. वहीं, नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा के अध्यक्ष होंगे.


बैठक में सबसे पीछे बैठे थे मोहन यादव


इंडिया टुडे टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहन यादव ने सोमवार सुबह एक परिचित से बातचीत में पूछा था कि, "क्या लगता है, किसे चुनेंगे?" सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान मोहन यादव सबसे पीछे बैठे थे. उन्होंने अपने बगल में बैठे कुछ विधायकों से पूछा था कि क्या उन्हें लगता है कि उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है. उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि कुछ ही देर बाद वह राज्य मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगे.


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