Lok Sabha Elections 2024: बंगाल के मुस्लिम इलाकों में पकड़ बना रहा ISF, पंचायत चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें जीत कर किया खेला
ISF Hold Muslim Areas Of Bengal: ममता दीदी को इस बार दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. उन्हें बीजेपी के अलावा अपने घर में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) की चुनौती से भी पार पाना होगा.
West Bengal ISF: अगले साल 2024 के अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनाव के लिए ममता दीदी ने विपक्षी महागठबंधन के साथ मिलकर ‘इंडिया’ जीतेगा और एनडीए हारेगा का नारा जरूर दिया है. बावजूद इसके इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. ममता दीदी को इस बार बीजेपी के अलावा अपने घर में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) की चुनौती से भी पार पाना होगा.
ISF ने पंचायत चुनाव में TMC को दी टक्कर
ममता दीदी इस बार अपने गढ़ पश्चिम बंगाल में ही घिरती नजर आ रही हैं. एक तरफ उन्हें बीजेपी के रूप में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर मात्र 3 साल पहले बने नए दल आईएसएफ से भी उसे कांटे की टक्कर मिल रही है. त्रणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए अभी हाल में समाप्त हुए पंचायत चुनाव में आईएसएफ ने 300 से अधिक सीटें जीतकर ममता दीदी के माथे पर बल ला दिया था. खासकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में टीएमसी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. आईएसएफ की अब उर्दू के साथ-साथ बंगाली भाषी मुस्लिमों पर अच्छी पकड़ बन गई है.
पिछले लोकसभा चुनाव में नहीं थी ये पार्टी
टीएमसी और ममता दीदी के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में यह पार्टी वजूद में ही नहीं थीं. टीएमसी को उस चुनाव में 70 परसेंट के करीब मुस्लिम वोट मिला था और उसने 42 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी. अब आईएसएफ के चुनाव में उतरने के बाद निश्चित तौर मुस्लिम वोटों का बंटवारा होगा. ऐसी स्थिति से निपटना ममता दीदी के लोहे के चने चबाने के समान होगा.
भानगर, 24 परगना दक्षिण और उत्तर में है आईएसएफ
अगर हाल में हुए पंचायत चुनाव पर नजर डाली जाए तो मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र भानगर, 24 परगना दक्षिण और उत्तर में आईएसएफ की मजबूत पकड़ है. उसने इन इलाकों में 300 से अधिक पंचायत सीटें हासिल कर अपनी ताकत दिखाई है. इतना ही उसने 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में भी एक सीट भानगर की जीती थी.
नौशाद सिद्दकी हैं विधायक
यह सीट भानगर से नौशाद सिद्दकी ने जीती है. वही इस समय इस पार्टी के प्रमुख नेता है. वैसे इस पार्टी की स्थापना 2021 विधानसभा चुनाव के पहले नौशाद के बड़े भाई अब्बास सिद्दकी ने की थी. अब्बास फुरफुरा शरीफ श्राइन बोर्ड के धर्मगुरु हैं. उन्होंने इस पार्टी की स्थापना मुस्लिमों और गरीबों के उत्थान के उद्देश्य को लेकर की थी. आईएसएफ पहली बार 2021 विधानसभा में सीपीआई (एम) और कांग्रेस के साथ गठबंधन करके उतरा था. उसके सहयोगी एक भी सीट नहीं जीत पाए लेकिन आईएसएफ ने अपनी पहली एंट्री में ही खाता खोल लिया था.
पंचायत चुनाव में यहां दिखाया आईएसएफ ने दम
भानगर के अलावा आईएसएफ 24 परगना दक्षिण में 120 ग्राम पंचायत सीट, 8 पंचायत और एक जिला परिसद की सीट हासिल की. इसी तरह 24 परगना उत्तर में भी उसने अपनी ठीक-ठाक उपस्थिति दर्ज कराई है. यहां उसने 108 ग्राम पंचायत और 1 पंचायत समिति में सीट जीती. भानगर और 24 परगना दक्षिण में करीब 30 परसेंट मुस्लिम आबादी है.
वहीं 24 परगना उत्तर में हावड़ा, हुगली, मिदिनापुर में मुस्लिम की संख्या कम होने के बावजूद आईएसएफ ने टीएमसी को कड़ी देकर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है. आईएसएफ ने कुल 336 सीटें जीतने में सफलता पाई. जिसमें 325 ग्राम पंचायत और 10 पंचायत समिति के अलावा एक जिला परिषद की सीट वह जीतने में सफल रही.
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