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IAS Success Story: दो असफल प्रयासों से सीख लेकर फज़लुल तीसरी बार में ऐसे बनें UPSC टॉपर

फज़लुल हसीब ने साल 2017 में अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा 36वीं रैंक के साथ पास की थी. किन बातों का ध्यान रखकर आप भी कर सकते हैं यह एग्जाम क्रैक, जानते हैं फज़लुल से.

Success Story Of IAS Topper Fazlul Haseeb: हर कोई जानता है कि यूपीएससी परीक्षा का नेचर बहुत ही अनप्रिडिक्टेबल है. इसमें सफलता मिलेगी या नहीं या कब मिलेगी, इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता. कैंडिडेट के हाथ में केवल एक चीज होती है और वह है ईमानदार प्रयास करना. हालांकि कई बार ऑनेस्ट कोशिशों के बाद भी सेलेक्शन नहीं होता क्योंकि कैंडिडेट कुछ गलतियां कर रहे होते हैं. ऐसे में यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए क्या करना जरूरी है यह जानने के साथ ही यह जानना भी बहुत जरूरी हो जाता है कि क्या करने से बचना चाहिए. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में साल 2017 के टॉपर फज़लुल हसीब ने ऐसे ही बहुत से मुद्दों पर बात की.

किसी की नकल न करें –

फज़लुल अपनी बात शुरू करते हुए कहते हैं कि इस एग्जाम में सफल होने के लिए सबसे जरूरी है अपने प्रति ईमानदार होना. आप गाइडेंस कहीं से भी लें लेकिन सारी जानकारी इकट्ठा करने के बाद उसे इंप्लीमेंट अपने मुताबिक करें. आपकी क्या स्ट्रेंथ है, किस एरिया में आपको समस्या होती है यह सब जानकर और विचार करके ही अपने लिए स्ट्रेटजी बनाएं. कभी किसी को कॉपी न करें. जो चीजें या जो स्ट्रेटजी दूसरे के लिए काम की है, वह आपके लिए भी काम करेगी ऐसा कतई जरूरी नहीं है.

इसका सबसे बड़ा उदाहरण है किताबों का सेलेक्शन. फज़लुल कहते हैं कि कुछ लोग एक विषय की न जाने कितनी किताबें इकट्ठी कर लेते हैं लेकिन उनका मानना है कि कम से कम सोर्स इकट्ठे करें और उन्हें बार-बार रिवाइज करें. इस परीक्षा में सफल होने का बस एक ही तरीका है और वह है रिवीजन. इसलिए इतनी ही किताबें इकट्ठी करें जिन्हें समय रहते खत्म कर पाएं ताकि बार-बार रिवीजन हो सके.

 यहां देखें फज़लुल हसीब द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 

आंसर राइटिंग पर करें फोकस –

जिन दो प्रयासों में फज़लुल का सेलेक्शन नहीं हुआ उनकी सबसे बड़ी गलती वे मानते हैं आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस न करना. फज़लुल कहते हैं कि पढ़ता हर कोई है, नॉलेज भी बहुतों के पास होती है लेकिन उस पढ़े हुए को जब तक आप भली प्रकार कॉपी पर उतार नहीं पाते तब तक सब बेकार है. इसलिए तैयारी एक स्तर तक पहुंच जाने के बाद जितना हो सके राइटिंग प्रैक्टिस करें. इससे आपको अपने उत्तरों की कमियां पता चलेंगी. यही नहीं आपकी स्पीड भी बढ़ेगी क्योंकि अक्सर कैंडिडेट्स को इस बात की शिकायत रहती है कि परीक्षा के समय टाइम कम पड़ जाता है और पेपर छूट जाता है. इससे पार पाने का बेस्ट तरीका है कि बिलकुल परीक्षा वाले माहौल में पेपर दें और उसे समय से पूरा करने की पूरी कोशिश करें. एक बात का और ध्यान रखें कि पेपर देने के बाद उसे एनालाइज जरूर करें वरना पेपर लिखने का कोई फायदा नहीं होगा. इन पेपरों को रिवीजन के लिए भी इस्तेमाल करें.

फज़लुल की सलाह –

अंत में फज़लुल यही कहते हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत, धैर्य और त्याग की आवश्यकता होती है. हालांकि वे कैंडिडेट्स को यह कहना भी नहीं भूलते कि अपनी जिंदगी के कुछ साल देकर यानी कुछ साल दिन-रात मेहनत करके अगर बाकी की जिंदगी बदली जा सकती है और आईएएस या ऐसी ही कोई सेवा पायी जा सकती है तो यह घाटे का सौदा नहीं है. जब आप दूसरों की तुलना में आरामदायक जिंदगी न जीकर कड़ी मेहनत कर रहे हों तो यह याद रखें कि आपकी आगे आने वाली जिंदगी भी दूसरों से बहुत बेहतर होने वाली है. आज की यह मेहतन कल फल देगी इसलिए परेशान न हों.

अपने ऊपर, अपने प्रयासों पर और सबसे जरूरी अपने सोर्सेस पर विश्वास रखें और अंत तक उन्हीं से स्टिक रहें. कोई कुछ भी सलाह दे पर आप उसी राह पर चलें जो आपको ठीक लगे. इस एग्जाम को क्रैक करने के लिए सही राह पर चलना जितना जरूरी है उससे भी ज्यादा जरूरी है रास्ता न भटकना. इस प्रकार आप सही प्लानिंग और सही स्ट्रेटजी के साथ कड़ी मेहनत करेंगे तो सफल जरूर होंगे.

IAS Success Story: दूसरे प्रयास में दूसरी रैंक के साथ अक्षत बनें IAS ऑफिसर, ऐसा रहा UPSC का सफर

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