Paresh Rawal: परेश रावल भारत के मंझे हुए अभिनेताओं में से एक है. उन्होंने दर्शकों को हेरा फेरी के बाबूराव गणपतराव आप्टे से कभी हसाया है, ओह माय गॉड में कांजी लालजी मेहता बनकर जागरूक किया है तो कभी राम लखन में खलनायक का किरदार निभाया है. वह पद्मश्री, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर अवार्ड्स जैसे कई सारे सम्मानों से नवाजे जा चुके है. आइये जानते है उनकी शुरुआती ज़िन्दगी और कैसे उन्होंने 1979 मिस इंडिया को शादी के लिए मनाया. 


शुरुआती ज़िन्दगी


परेश रावल का जन्म 30 मई 1950 को महाराष्ट्र में मुंबई में हुआ था. उनका परिवार गुजराती ब्राह्मण था. परेश रावल के पिता का नाम दह्याल रावल और माता का नाम धनलक्ष्मी है. जब परेश बहुत छोटे थे तब उनके पिता दह्यालाल रावल मुंबई शिफ्ट हो गए. परेश ने अपनी पढाई मुंबई से ही पूरी की. उन्होंने नरसी मोंजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्‍स से सिविल इंजीनियरिंग की है.  


परिवार


परेश रावल की पत्नी अभिनेत्री और मिस इंडिया रह चुकी स्वरूप सम्पत है. स्वरूप साल 1979 में मिस इंडिया का ख़िताब जीती थी. लेकिन परेश रावल और स्वरूप संपत की पहली मुलाकात उससे पहले ही साल 1975 में एक फंक्शन में हो चुकी थी. परेश रावल ने बताया कि पहली मुलाकात में ही वो स्वरूप को दिल दे बैठे थे. उन्होंने स्वरूप सम्पत से ही शादी करने का मन बना लिया था. काफी मशक्कत के बाद साल 1987 में 12 साल साथ में रहने के बाद परेश रावल ने स्वरूप संपत से शादी कर ली. इस शादी से उन्हें 2 बच्चे हैं. इनके बच्चो का नाम आदित्य और अनिरुद्ध हैं. आदित्य रावल भी अपने पिता की तरह अभिनेता बनाना चाहते हैं और फिल्म “बमफाड़” के जरिये फिल्मों में अपना डेब्यू करने जा रहे हैं.


फिल्मी जगत


परेश रावल ने अपने करियर की शुरुआत साल 1982 में गुजराती फिल्म ‘Naseeb Ni Balihari’ से की थी. परेश रावल ने साल 1984 में ‘होली’ नाम की फिल्म में सहायक की भूमिका निभाई थी. हिंदी के अलावा परेश रावल ने गुजराती, तेलुगु, अंग्रेजी और मराठी फिल्मों में भी काम किया हैं. उन्होंने अपने करियर में अंदाज़ अपना अपना, चाची 420, हेरा फेरी, आवारा पागल दीवाना, हंगामा, दीवाने हुए पागल, गरम मसाला, फिर हेरा फेरी, गोलमाल: फन अनलिमिटेड, भागम भाग, भूल भुलैया, वेलकम, ओएमजी – ओह माय गॉड!, संजू सहित तमाम हिट फिल्मों में काम किया है.


राजनीतिक सफर


फिल्मों में काम करने के साथ साथ उन्होंने राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया. परेश रावल ने साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी. उसी साल उन्हें लोकसभा चुनाव में अहमदाबाद (पूर्व) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मौका भी मिला. इस चुनाव में जीतकर वो लोकसभा सांसद भी बने. हालांकि इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वो चुनाव नहीं लड़े. उन्होंने यह कहते हुए टिकट नहीं लिया कि वह राजनीति को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे है.


पुरस्कार/सम्मान



  • 1993 - फिल्म "सर" में सर्वश्रेष्ठ खलनायक के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार 

  • 1994 - फिल्म "वो छोकरी" और "सर" के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

  • 2001 - फिल्म "हेरा फेरी" के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार

  • 2003 - फिल्म "अवारा पागल दीवाना" के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार

  • 2014 - भारत सरकार द्वारा भारत का चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री पुरस्कार