नई दिल्ली: दोश को प्रत्येक नागरिक को ईमानदारी से इनकम टैक्स देना चाहिए यह तो हमने सुना है, लेकिन वहीं लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स कैसे बचाया जा सकता है इसके बारे में भी सोचते हैं. लोगों को कुछ तरीकों की जानकारी तो रहती है लेकिन कई अनय तरीके जिससे इनकम टैक्स को बचाया जा सकता है उसके बारे में नहीं जानते हैं.


आम तौर पर लोगों को 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य सेविंग स्कीम पर मिलने वाली इनकम टैक्स छूट की जानकारी रहती है, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे तरीके जिसको अपनाकर आप कानूनन तरीके से अपना टैक्स बचा सकते हैं.


क्या हैं वो तरीके


सेक्शन 80C- इनकम टैक्स छूट की जब भी बात आती है तो सबसे महत्वपूर्ण है आयकर कानून का सेक्शन 80C. आइए जानते हैं यह क्या होता है. दरअसल यह कानून इनकम टैक्स कानून, 1961 का हिस्सा है. इसके अनुसार कुछ विशेष निवेश करने में आयकर में छूट पाने के लिए दावा किया जा सकता है. आपको बता दें कि आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, आपकी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं.


सेक्शन 80D- सेक्शन 80C की तरह आपको टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है. इसका लाभ तब मिलता है जब आपने स्वास्थ्य से संबंधित खर्चा किया हो. इसका मतलब यह हुआ कि सेक्शन 80D के तहत खुद, परिवार और आश्रित माता-पिता के स्वास्थ्य के लिए भुगतान किए गए चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर कर से बचा सकता है.


सेक्शन 80DD- इस सेक्शन के तहत अगर आपने किसी विकलांग व्यक्ति के इलाज पर खर्चा किया है या कर रहे हैं तो कर छूट पा सकते हैं. इस सेक्शन के तहत कुल कटौती की सीमा 1.5 हजार रुपए तक है.


सेक्शन 80E- इस सेक्शन में एजुकेशन लोन पर ब्याज में कटौती प्रदान करता है. हालांकि इसकी कुछ महत्पूर्ण शर्तें हैं जिसकी आपको जानकारी लेनी होगी.


सेक्शन 80EE- सेक्शन 80 EE मकान मालिक को होम लोन ईएमआई के ब्याज पर 50 हजार रुपए (धारा 24) की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की अनुमति देता है. हालांकि इस सेक्शन के साथ भी कुछ शर्तें जुड़ी हुई है.


सेक्शन 80G- इस सेक्शन के तहत आपको दान-पुण्य करने का लाभ मिलेगा. अगर आप सामाजिक हित के लिए काम करने वाली संस्थाओं को दान देते हैं तो आप 80जी के तहत टैक्स में छूट का फायदा भी उठा सकते हैं.


सेक्शन 80GG- टैक्स छूट का एक रास्ता हाउस रेंट अलाउंस (HRA) है. यानी अगर आप किराये के मकान में रहते हैं, तब भी आयकर अधिनियम, 1961 के धारा 80GG के अंतर्गत आपको दिए हुए किराये पर टैक्स छूट मिल सकती है.


सेक्शन 80TTA- इसके तहत बचत खाता ब्याज से अर्जित आय पर 10 हजार तक की कटौती प्रदान की जाती है.


सेक्शन 80DDB- इसमें अपने किसी आश्रित की गंभीर और लंबी बीमारी के इलाज में खर्च की गई रकम पर आय कर कटौती मिलती है.


सेक्शन 80CCD (1B)- आप इस सेक्शन के तहत 50 हजार तक का टैक्स बचा सकते है लेकिन अगर आपने नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ ले रखा है तो ही.