Vedanta Group: देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग कारोबार में 1.50 लाख करोड़ तक निवेश करेगा अनिल अग्रवाल का वेदांता समूह
Vedanta Group: वेंदाता की ग्रुप फर्म अवांस्ट्रेट जो सेमीकंडक्टर कारोबार की अगुवाई करने जा रही है और 2025 तक भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले तैयार होने लगेंगे.
Semiconductor Chip: कारोबार समूह वेंदाता (Vedanta) इलेक्ट्रॉनिक चिप (Semiconductor Fabs) और डिस्प्ले (Display Fabs) और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में कदम रखने जा रही है. कंपनी ने इस क्षेत्र में 20 अरब डॉलर यानि 1.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है. वेंदाता (Vedanta) की ग्रुप फर्म अवांस्ट्रेट (Avanstrate) जो वेदांता के सेमीकंडक्टर कारोबार की अगुवाई करने जा रही है उसे उम्मीद है कि 2025 तक कंपनी भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले तैयार होने लगेंगे.
अवांस्ट्रेट (Avanstrate) एमडी आकर्ष हेब्बर ने बताया कि, ‘सेमीकंडक्टर एक दीर्घकालिक व्यवसाय है. हमें उम्मीद है कि लगभग 10 अरब अमेरिकी डॉलर डिस्प्ले के लिए लगेंगे. इस समय हमें सेमीकंडक्टर के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की जरूरत है, जिसमें आगे तीन अरब डॉलर बढ़ाया जा सकता है. पहले 10 साल में हम 15 अरब अमेरिकी डॉलर तक निवेश करेंगे. हम बाद के चरण में आगे के निवेश पर विचार करेंगे. अवांस्ट्रेट (Avanstrate) ने सेमीकंडक्टर संयंत्र और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए आवेदन किया है. आपको बता दें वेंदाता (Vedanta) ने भारत में सेमीकंडक्टर का विनिर्माण करने के लिए फॉक्सकॉन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई जाएगी.
आपको बता दें 15 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) की अध्यक्षता में कैबिनेट ने देश में ही Semiconductor और Display की मैन्युफैकचरिंग का रास्ता खोला था. सरकार ने Semiconductor और Display के देश में मैन्युफैक्चरिंग के लिये निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोडेक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (Production Linked Incentive) के तौर पर 76,000 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. सरकार के इस ऐलान के बाद वेंदाता (Vedanta) पहली कंपनी है जिसने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैकचरिंग में निवेश करने का ऐलान किया है.
पिछले कई महीनों में देश में ऑटोमोबाइल कंपनियां ( Automobile Companies) सेमीकंडक्टर चिप ( Semiconductor Chip) की कमी से जूझ रही हैं. इसका असर ये हुआ कि देश में गाड़ियों के प्रोडक्शन में बड़ी गिरावट आ गई. फेस्टिव सीजन में प्रोडक्शन में कमी के चलते कंपनियां ज्यादा गाड़ियां नहीं बेच पाई. और जो सेमीकंडक्टर चिप मिल रहा था वो उन्हें ऊंची कीमत पर खरीदना पड़ा रहा था. दरअसल भारत सेमीकंडक्टर चिप के लिये पूरी तरह आयात पर निर्भर है. लेकिन ये बीते दिनों की बात रह जाएगी क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है.
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