India Union Budget Survey 2023 : दुनिया भर में बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों (Tech Company) में छंटनी (Job Layoff) का दौर जारी है. ये कंपनियां अपने यहां सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा रही हैं. हर 4 भारतीयों में से 1 को नौकरी जाने की चिंता सता रही है. वही दूसरी ओर 4 में 3 भारतीय बढ़ती महंगाई को लेकर चिंतित हैं. वहीं करीब आधे लोगों का मानना है कि 2023 में देश की अर्थव्यवस्था बढ़ सकती है. मार्केटिंग डेटा और एनालिटिक्स फर्म कंटार के एक सर्वेक्षण (Survey by Marketing Data And Analytics Firm Kantar) में बड़ा खुलासा देखने को मिला है. जानिए क्या है सर्वेक्षण, और इसमें क्या निष्कर्ष निकाला है..


बजट सर्वे में हुआ खुलासा


भारत के आम बजट सर्वे-2023 (Indian Economy Grow) के दूसरे संस्करण में फर्म कंटार (Firm Kantar) ने खुलासा किया है. इसमें पाया गया है कि उपभोक्ता आयकर से संबंध में नीतिगत बदलावों की घोषणा हो सकती है. इसमें आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है. सर्वे की मानें तो, व्यापक आर्थिक स्तर पर, ज्यादातर लोगों की सोच अभी सकारात्मक है.


2023 में बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था 


मीडिया रिपोर्ट्स में जारी कंटार सर्वे के अनुसार, 50 फीसदी लोगों का मानना है कि इस साल 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) बढ़ेगी, 31 फीसदी को लगता है कि इसकी रफ्तार कम होने की उम्मीद है. 54 प्रतिशत के साथ छोटे शहरों में महानगरों की तुलना में अधिक सकारात्मक है. वैश्विक आर्थिक मंदी और कोविड-19 (Covid-19) का प्रकोप फिर शुरू होने की आशंका भारतीयों को बेहद सता रही है.


4 में से 3 को मुद्रास्फीति की चिंता


वही दूसरी ओर, रिपोर्ट के अनुसार, 4 में से 3 लोगों को बढ़ती मंहगाई को लेकर चिंता सता रही है. वे इससे निपटने के लिए कई निर्णयात्मक कदम उठाने के बारे में सोच रहे हैं. 4 में से 3 भारतीयों को नौकरी जाने का डर लग रहा है. इसमें समृद्ध वर्ग (Rich Class) में (32 प्रतिशत), 36-55 वर्ष के आयुवर्ग में (30 प्रतिशत) और वेतनभोगी वर्ग (30 प्रतिशत) में काफी अधिक है.


बजट से क्या हैं अपेक्षाएं


सर्वे के अनुसार, आम जनता को आयकर में नीतिगत बदलाव होने की घोषणा की उम्मीद है. बुनियादी आयकर छूट सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने की सबसे ज्यादा उम्मीद की है. लोगों की मांग है कि 30 प्रतिशत की उच्चतम कर दर (मौजूदा 10 लाख रुपये से) की सीमा बढ़ा जाए. पहली मांग वेतनभोगी वर्ग में सबसे ज्यादा 42 प्रतिशत रहा है. वही अपेक्षा व्यवसायियों/स्व-रोजगार वर्ग (37 फीसदी) और 36-55 वर्ष आयुवर्ग (42 प्रतिशत) में अधिक है.


12 शहरों में हुआ सर्वे 


कंटार के कार्यकारी प्रबंध निदेशक दीपेंद्र राणा (Deepender Rana, Kantar Executive Managing Director- South Asia) का कहना है कि, यह सर्वेक्षण 12 भारतीय शहरों (मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, इंदौर, पटना, जयपुर और लखनऊ) में 21-55 वर्ष आयुवर्ग के लेागों के बीच 15 दिसंबर, 2022 से 15 जनवरी, 2023 के बीच हुआ है. इस सर्वे में भारतीयों की सोच-2023 में देश के व्यापक आर्थिक प्रदर्शन को लेकर मोटे तौर पर सकारात्मक है. भारत की वृद्धि में उन्हें भरोसा है.


इस खबर में इनपुट्स एजेंसी से लिए गए है..


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