Real Estate Investment India: भारतीय रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. रियल एस्टेट में निवेश काफी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. रियल एस्टेट में पैसे लगाने का मुख्य उदेश्य अपने पैसे पर अच्छा लाभ कमाना है. निवेशक का उद्देश्य निवेश का लाभ लंबे समय तक उपयोग करने के लिए मिलता रहे, इसे ध्यान में रखकर कोई भी निवेशक इस सेक्टर में अपना पैसा लगाता है. भारतीय इस निवेश को काफी सेफ इन्वेस्टमेंट के रूप में भी देखते है. जानिए रियल एस्टेट में कितना निवेश बढ़ा है, और किस रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है..


रियल एस्टेट में 32 फीसदी बढ़ा निवेश


भारतीय रियल एस्टेट में निवेश में शानदार 32 फीसदी की बढ़त हुई है. जिसके बाद अब यह निवेश 7.8 मिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर है. कंसल्टिंग फर्म साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड (CBRE South Asia Pvt Ltd.) ने इससे जुड़े आंकड़े अपनी रिपोर्ट में पेश किये है. 'इंडिया मार्केट मॉनिटर (India Market Monitor)- 2022 शीर्षक के नाम से जारी इस रिपोर्ट में काफी खुलासा हुआ है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही आधार पर रियल एस्टेट में निवेश 2.3 अरब डॉलर रहा, जो तिमाही दर तिमाही 64 फीसदी और साल दर साल 115 फीसदी बढ़ रहा है.


विदेशी निवेशकों ने बढ़ाये हाथ 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रियल एस्टेट में विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) ने पिछले साल 2022 में निवेश की मात्रा में 57 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ बढ़त हासिल की है. कनाडा के निवेशकों ने विदेशी पूंजी का लगभग में 37 प्रतिशत हिस्सा लिया है, इसके बाद अमेरिका (15 प्रतिशत) का स्थान पर रहा है. घरेलू निवेशकों ने 2022 में कुल निवेश का शेष 40 प्रतिशत योगदान दिया है. कुल मिलाकर, संस्थागत निवेशकों ने लगभग 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ 2022 की निवेश गतिविधि का नेतृत्व किया है, इसके बाद डेवलपर्स ने 32 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की है.


दिल्ली-एनसीआर आगे, फिर मुंबई का स्थान


साल 2022 में विदेश से रियल एस्टेट में निवेश के मामले में दिल्ली-एनसीआर आगे रहा है, इसके बाद मुंबई का नंबर आया है. इन दोनों जगह निवेशको ने कुल निवेश का 56 प्रतिशत इन्वेस्ट किया. भूमि और विकास स्थलों में 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ निवेश का वर्चस्व काफी बढ़ गया था, इसके बाद कार्यालय क्षेत्र का हिस्सा 35 प्रतिशत था. रिपोर्ट के अनुसार, साइट/भूमि अधिग्रहण में लगभग 44 प्रतिशत पूंजी आवासीय विकास के लिए लगाई गई, जबकि 25 प्रतिशत अन्य विकास में निवेश हुआ है. 


किराये में 58 फीसदी को बढ़त की आस


इससे पहले एक अन्य सर्वे के अनुसार, 2023 में लागत बढ़ने, आर्थिक उतार-चढ़ाव  के कारण आवास की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल सकती है. इस सर्वेक्षण से पता चला कि लगभग 32 प्रतिशत डेवलपर का मानना है कि कीमतें स्थिर रह सकती है. जबकि 58 फीसदी बिल्डरों को किराया आदि बढ़ने के आसार है. 


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