भारतीय शेयर बाजारों (Indian Share Markets) और कमॉडिटी एक्सचेंजों (Commodity Exchanges) ने 15 स्टॉक ब्रोकर्स (Stock Brokers) को अब कड़ी निगरानी वाली श्रेणी में डालने का फैसला लिया है. इनमें जीरोधा (Zerodha), एंजल वन (Angel One), 5पैसा (5Paisa) और आनंद राठी (Anand Rathi) जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं. स्टॉक व कमॉडिटी एक्सचेंज जल्दी ही क्वालिफाइड स्टॉक ब्रोकर्स (Qualified Stock Brokers) की कैटेगरी में डाले गए इन ब्रोकर्स की निगरानी शुरू करने वाले हैं.


बढ़ जाएगा ब्रोकर्स के लिए अनुपालन


एक्सचेंजों ने एक संयुक्त बयान में बताया कि भारतीय बाजार में सक्रिय 15 स्टॉक ब्रोकर्स को अब क्वालिफाइड स्टॉक ब्रोकर्स की कैटेगरी में डालने का फैसला किया गया है. इस कैटेगरी में वैसे ब्रोकर्स को डाला जाता है, जिनका कारोबार ठीक-ठाक बड़ा हो जाता है और जिनके पास बाजार को प्रभावित करने लायक प्रबंधित संपत्ति हो जाती है. इस कैटेगरी में डाले जाने के बाद संबंधित ब्रोकर्स को पहले की तुलना में कड़े नियमों व कानूनों का पालन करना पड़ता है. साफ शब्दों में कहें तो इस बदलाव के बाद संबंधित 15 स्टॉक ब्रोकर्स के लिए नियमन बढ़ जाने वाला है.


क्यूएसबी में डाले गए ये ब्रोकर्स


बीएसई, एनएसई, एमएसई, एमसीएक्स और एनसीडीएक्स जैसे एक्सचेंजों ने जारी संयुक्त बयान में बताया कि क्वालिफाइड स्टॉक ब्रोकर्स के रूप में पहचाने गए 15 ब्रोकर्स की निगरानी 01 जुलाई से शुरू होगी. जिन ब्रोकर्स को क्यूएसबी की कैटेगरी में डाला गया है, उनमें जीरोधा (Zerodha), नुवामा वेल्थ (Nuvama Wealth), मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services), आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities), जैनम ब्रोकिंग (Jainam Broking), ग्लोबल कैपिटल मार्केट (Global Capital Market), कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities), शेयरखान (Sharekhan), आरकेएसवी सिक्योरिटीज (RKSV Securities), नेक्स्ट बिलियन टेक्नोलॉजी (Nextbillion Technology), 5पैसा कैपिटल (5Paisa Capital), एंजल वन (Angel One), एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities), और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) आदि शामिल हैं.


एक्सचेंजों ने जारी किया ये बयान


बयान में कहा गया कि इन क्वालिफाइड स्टॉक ब्रोकर्स के लिए बढ़ी जिम्मेदारियों को पूरा करने और अतिरिक्त जिम्मेदारियों को उठाने की जरूरत होगी. आकार, व्यापार की मात्रा और ग्राहकों के हैंडल किए जा रहे फंड जैसे फैक्टर्स के आधार पर कुछ ब्रोकर्स बाजार में अहम हो जाते हैं. ऐसे ब्रोकर्स के पास बाजार की गतिविधियों की अच्छी-खासी हिस्सेदारी जमा हो जाती है. इसी कारण उन्हें क्वालिफाइड स्टॉक ब्रोकर्स की श्रेणी में डालना पड़ता है.