Relief From Costly EMI Likely: अगर आपने होम लोन ( Home Loan) ले रखा है और ईएमआई (EMI) का भुगतान करते हैं या फिर होम लोन लेने की सोच रहे हैं और महंगे ब्याज दर से परेशान है तो आने वाले दिनों में आपको बड़ी राहत मिल सकती है. दरअसल  मंगलवार को खुदरा महंगाई दर ( Retail Inflation Data) का आंकड़ा आया जिसमें जून महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 7.01 फीसदी पर आ गया है. अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी रहा था. उसके बाद से सरकार द्वारा महंगाई पर नकेल कसने के लिए लिए गए कई फैसलों की बदौलत और मॉनिटरी पॉलिसी ( Monetary Policy) के जरिए आरबीआई (RBI) के रेपो रेट ( Repo Rate) बढ़ाने के फैसले के चलते दो महीने में खुदरा महंगाई दर में 0.78 फीसदी की कमी आ गई है. जानकारों का कहना है कि बेहतर मॉनसून, कच्चे तेल के दामों में कमी और कमोडिटी के दामों में गिरावट के चलते आने वाले दिनों में महंगाई दर में और कमी आने की संभावना है. 


महंगी EMI से मिलेगी राहत!
खुदरा महंगाई दर में लगातार आ रही कमी के बाद हर प्रकार के लोन पर ब्याज दरों में जो भारी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही थी वो अब धुमिल पड़ती नजर आ रही है. महंगाई दर में उछाल के बाद आरबीआई ने दो चरणों में रेपो रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी लेकिन जून महीने के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े घोषित होने के बाद यहां से और ज्यादा ब्याज दरें बढ़ने की संभावना कम दिखती नजर आ रही है. 


आरबीआई का भरोसा, कम होगी महंगाई
वैसे भी आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das)  ने भरोसा जताया है कि अक्टूबर 2022 से आम लोगों को कमरतोड़ महंगाई ( Inflation) से राहत मिल सकती है. उन्होंने कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही ( अक्टूबर से मार्च के बीच) में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है जिससे अर्थव्यवस्था की दिक्कतें कम होंगी. उन्होंने संकेत दिए कि महंगाई में कमी आने पर आरबीआई को कठोर मॉनिटरी पॉलिसी वाले फैसले लेने की दरकार नहीं पड़ेगी. यानि संकेत साफ है ब्याज दरें बढ़ाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. आरबीआई गर्वनर ने कहा कि मौजूदा समय में सप्लाई आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है और सभी इंडेक्टर्स वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच  अर्थव्यवस्था की बेहतर रिकवरी के संकेत दे रहे हैं. और हमारा अनुमान है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में महंगाई में कमी आ सकती है. 


अगस्त में पेश होगी मॉनिटरी पॉलिसी
ऐसे में खुदरा महंगाई दर में कमी और आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास केबयान से उन लोगों को जरुर राहत  है जो महंगे होते कर्ज के चलते महंगी ईएमआई से परेशान हो रहे थे. अगस्त महीने में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होने वाली है जिसमें आरबीआई का रुख साफ होगा. 


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