Bond vs FD Update: ज्यादातर निवेशक (Investors) रेग्युलर इनकम के लिए बैंकों ( Banks) के फिक्स्ड डिपाॉजिट ( Fixed Deposit) में अपनी गाढ़ी कमाई को निवेश करते हैं. खासतौर से सीनियर सिटीजन ( Senior Citizen) जो बेहद सुरक्षित गारंटीड रिटर्न ( Guranteed Return) देने वाले फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं. लेकिन एफडी से ज्यादा रिटर्न इन दिनों सरकारी बांड ( Government Bonds) में निवेश पर मिल सकता है. 


एफडी पर ब्याज दर बढ़ाने में कंजूसी
भले ही आरबीआई ने रेपो रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर ब्याज दरें बढ़ा दिया हो लेकिन सभी सरकारी और निजी बैंक एफडी पर ब्याज दर बढ़ाने में बेहद कंजूसी बरत रहे हैं.  जिस रफ्तार से बैंकों ने कर्ज महंगा किया है उस रफ्तार से एफडी पर ब्याज दरें नहीं बढ़ी है. बैंकों के पास नगदी की कोई कमी नहीं है. इसलिए बैंक एफडी पर ब्याज दरें ज्यादा नहीं बढ़ा रहे. ऐसे में एफडी के मुकाबले बांड में निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है. सात साल के मैच्योरिटी अवधि वाले टैक्स फ्री बांड इन दिनों 8 फीसदी तक रिटर्न दे रहे हैं. जबकि सीनियर सिटीजन को बड़े बैंक केवल 6.5 फीसदी ही ब्याज ऑफर कर रहे हैं. महंगाई दर जब 7 फीसदी से ज्यादा है तो 6.5 फीसदी एफडी पर ब्याज बेमानी हो जाता है. 


बांड पर 7.62 फीसदी का रिटर्न 
सरकारी बांड जो बेहद सुरक्षित माने जाते हैं. 10 साल का सरकारी बांड जिसका यील्ड 7.62 फीसदी तक जा पहुंचा है. 2051 में मैच्योर करने वाले सरकारी बांड 7.55 फीसदी सलाना रिटर्न दे रहा है. यानि 29 सालों तक सरकारी बांड में निवेश पर 7.55 फीसदी रिटर्न मिलता रहेगा. किसी भी बैंक का एफडी इतने लंबे अवधि के लिए नहीं होता. ऐसे में बेहतर रिटर्न के लिए एफडी के मुकाबले बांड निवेश का बेहतर जरिया बन सकता है. 


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